जनसत्ता 19 फरवरी, 2014 : गुजरात का विकास चर्चा का विषय बना दिया गया है। ऐसा दावा किया जा रहा है कि अन्य राज्यों के लिए ही नहीं, बल्कि समूचे देश के लिए भी एक बेहतरीन अनुकरणीय मॉडल गुजरात ने प्रस्तुत किया है। उस मॉडल को देशव्यापी बनाने का सपना जोर-शोर से लोगों को दिखाया जा रहा है। विकास, सुशासन, समृद्धि, रोजगार सृजन जैसे शब्द तेजी से हवा में उछाले...
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अगले वित्त वर्ष में 9.5 लाख टन नेचुरल रबड़ उत्पादन का लक्ष्य
भारत ने वित्त वर्ष 2014-15 में 9.5 लाख टन नेचुरल रबड़ उत्पादन का लक्ष्य तय किया है। रबड़ बोर्ड की चेयरपर्सन शीला थॉमस ने बुधवार को बताया कि चालू वित्त वर्ष में अब तक देश में कुल 8.5 लाख टन नेचुरल रबड़ का उत्पादन हो चुका है। थॉमस ने कहा कि हमारा अनुमान है कि 31 मार्च 2014 को समाप्त होने वाले वित्त वर्ष तक देश में नेचुरल रबड़ का उत्पादन बढ़कर नौ...
More »जैविक खेती के प्रति बढ़ा रुझान अब सर्टिफिकेशन का इंतजार
रांची से तकरीबन 40 किमी दूर कुच्चू पंचायत के डिमरा गांव के सोहराय बेदिया इस बार 10 एकड़ जमीन पर सेम की खेती कर रहे हैं. उनके खेतों में सेम की लताएं फलियों से भरी हैं. यह अपने आप में अजीब नजारा है कि जब उनके आसपास के तमाम खेत परती पड़े हैं, पानी के अभाव में कोई किसान खेती करने के लिए तैयार नहीं है. उनके खेत लहलहा रहे हैं. वे...
More »विषमता का विकास- सुषमा वर्मा
जनसत्ता 17 फरवरी, 2014 : विश्व बैंक की प्रबंध निदेशक क्रिस्टीना लेगार्ड ने हाल ही में यह रहस्योद्घाटन किया कि भारत के अरबपतियों की दौलत पिछले पंद्रह बरस में बढ़ कर बारह गुना हो गई है। क्रिस्टीना के अनुसार, इन मुट्ठी भर अमीरों के पास इतना पैसा है जिससे पूरे देश की गरीबी को एक नहीं, दो बार मिटाया जा सकता है। लेगार्ड के इस बयान से पुष्टि होती है...
More »द. एशियाई देशों से मक्का की मांग बढ़ी
दक्षिण एशियाई खरीदार भारतीय मक्का खरीद के सौदे करने में खासी दिलचस्पी ले रहे हैं। भारत में अनुकूल मौसम के चलते पैदावार बढऩे की संभावना से इसके दाम निचले स्तर पर होने के कारण आकर्षक हैं। अर्जेंटीना से मक्का की सप्लाई सीमित है क्योंकि वहां मूल्य बढऩे की उम्मीद में किसान बिकवाली नहीं कर रहे हैं। अर्जेंटीना भी मक्का का प्रमुख निर्यातक देश है। प्रमुख उत्पादक राज्यों मौसम सुधरने और तापमान बढऩे...
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