पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह यूं तो अपने मौन के लिए जाने गये, तो भी उनका यह वाक्य भारतीय राजनीति के रोजमर्रा के पर्यवेक्षकों को दशकों तक याद रहेगा कि ‘जिस विचार का समय आ गया हो, उसे दुनिया की कोई ताकत नहीं रोक सकती.’ इसी मिजाज का एक वाक्य साहित्यकार विक्टर ह्यूगो के नाम से भी मशहूर है. ह्यूगो के एक उपन्यास द हिस्ट्री ऑफ ए क्राइम में एक वाक्य आता है- ‘नथिंग इज स्ट्रांगर...
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गांधीसागर का डूब क्षेत्र खनन माफिया के निशाने पर
मनासा। जिम्मेदारी की सुस्ती के चलते चुस्त खनन माफियाओं के हौसले दिनोंदिन बुलंद होते जा रहे हैं। नदियों और पहाड़ियों की खुदाई करने के बाद अब गांधीसागर का डूब क्षेत्र खनन माफियाओं के निशाने पर है। डूब क्षेत्र के रामपुरा, चचौर, देवरान, कुंडला और आंत्री में जैसे-जैसे जलस्तर कम होता जा रहा है, खाली होने वाली जमीन पर खुदाई कर खनन माफिया रातोंरात रेत निकाल कर रहे हैं। ताज्जुब इस...
More »ज़मीन आदिवासियों की, क़ब्ज़ा किसी और का!- आलोक प्रकाश पुतुल
छत्तीसगढ़ के रायगढ़ के मीलूपारा की जानकी के लिए अपनी ज़मीन से पूरे 14 साल दूर रहना किसी वनवास से कम नहीं था. 14 साल तक तहसीलदार से लेकर हाईकोर्ट तक चली लड़ाई के बाद अब कहीं जा कर उनकी चार एकड़ ज़मीन वापस करने की प्रक्रिया शुरू की गई है. हल्का पटवारी द्वारा अदालत में प्रस्तुत अपने 5 जनवरी 2012 के जांच रिपोर्ट में बताया गया कि जानकी बाई की ज़मीन...
More »जलाशयों में अतिक्रमण से बढ़ा भूजल संकट
महोबा, जागरण संवाददाता : कबरई ब्लाक का खन्ना सर्वाधिक जल संकट ग्रस्त गांव है। रिमोट सेंसिंग टीम के सर्वे के मुताबिक यहीं एक हजार फिट गहराई तक नलकूप लगाने योग्य पानी नहीं है। बावजूद इसके ग्रामीण जलाशयों में अतिक्रमण कर मकान बना रहे हैं। इससे गांव के डार्क जोन में आने की रही सही कसर भी पूरी हो गई है। ग्राम प्रधान व सैकड़ो ग्रामीणों ने डीएम से सर्वोच्च न्यायालय...
More »किसानों का गुस्सा सातवें आसमान पर, अफसरों के सामने ही फाड़कर जला दिए नोटिस
रेवाड़ी. जमीन अधिग्रहण के खिलाफ रेवाड़ी के पांच गांवों के लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। मंगलवार को आपत्ति सुनने के लिए हुडा कार्यालय में पहुंचे अधिकारियों को ग्रामीणों ने जमकर खरी-खोटी सुनाई। ग्रामीणों ने विरोध स्वरूप भूमि अधिग्रहण अधिनियम की धारा 9 के नोटिस फाडऩे के साथ आग के हवाले कर दिया। सेक्टर 20 व 21 के लिए कालका, कोनसीवास, झांझनवास, पीवरा व मांढैया की लगभग 300 एकड़ जमीन...
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