हाल में विज्ञान के सबसे बड़े सालाना सम्मेलन- भारतीय विज्ञान कांग्रेस का इंफल में उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वैज्ञानिक आम लोगों के फायदे के लिए अनुसंधान करें और वैज्ञानिक उपलब्धियों को समाज तक पहुंचाएं। इससे युवाओं में वैज्ञानिक चेतना जाग्रत होगी और शोध-अनुसंधान का माहौल भी बनेगा। असल में पिछले एक सौ चार सालों से चल रहे विज्ञान कांग्रेस के इस आयोजन का भी मुख्य...
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झारखंड : बिना खतियान नहीं बनता आवासीय प्रमाण पत्र, जिनके पास जमीन और नौकरी नहीं, लौट रहे निराश
रांची : नयी स्थानीय नीति लागू करते हुए सरकार ने आवासीय प्रमाण पत्र बनवाने का रास्ता साफ कर दिया है, लेकिन नौकरी के लिए जरूरी आवासीय प्रमाण पत्र अब भी बिना खतियान के नहीं बन रहे हैं. इस कारण लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. प्रज्ञा केंद्रों पर आवासीय प्रमाण-पत्र बनवाने के लिए आनेवाले आवेदकों से खतियान, जमीन की डीड और नौकरी से संबंधित सर्विस बुक...
More »प्राकृतिक आपदा से खेती-बाड़ी को कितना होता है नुकसान..पढ़ें इस नई रिपोर्ट में
एक नई रिपोर्ट के मुताबिक विकासशील देशों की अर्थव्यवस्था को बीते दस सालों(2005 से 2015) के बीच प्राकृतिक आपदा से हुए फसल के नुकसान तथा पशुधन-उत्पादन में आयी कमी की वजह से 96 अरब डॉलर का घाटा उठाना पड़ा है. द इम्पैक्ट ऑफ डिजॉस्टर एंड क्राइसिज ऑन एग्रीकल्चर एंड फूड सिक्युरिटी शीर्षक यह रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र की संस्था फूड एंड एग्रीकल्चर आर्गनाइजेशन(एफएओ) का एक शोध-अध्ययन है. खाद्य सुरक्षा तथा कृषि पर प्राकृतिक आपदा के प्रभाव...
More »जहरीला होता जमीन का पानी-- पंकज चतुर्वेदी
जमीन में पानी का अकूत भंडार है। यह पानी का सर्वसुलभ और स्वच्छ स्रोत है। लेकिन यदि एक बार दूषित हो जाए तो इसका परिष्करण लगभग असंभव होता है। भारत में जनसंख्या बढ़ने के साथ घरेलू इस्तेमाल, खेती और औद्योगिक उपयोग के लिए भूगर्भ जल पर निर्भरता बढ़ती जा रही है। जमीन से पानी निकालने की प्रक्रिया ने भूजल को खतरनाक स्तर तक जहरीला बना दिया है। इसके लिए समाज...
More »खुशहाली का पैमाना और भारत-- राजू पांडेय
भारत के लोग दुनिया के और देशों के लोगों के मुकाबले कितने खुश हैं, इसका जवाब हमें वैश्विक खुशहाली सूचकांक से मिलता है। जवाब यह है कि दुनिया के एक सौ दस देश हमसे ज्यादा खुशहाल हैं। इतना ही नहीं, खुशी के इस पैमाने पर हम लगातार नीचे आते जा रहे हैं। हाल में वैश्विक खुशहाली सूचकांक से पता चला है कि भारत वर्ष 2014 में एक सौ छप्पन देशों...
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