नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने उच्च शिक्षा हासिल करने के इच्छुक गरीब छात्रों के लिए एक बड़ी राहत दी है। सरकार ने बैंकों को निर्देश दिया है कि वह ऐसे छात्रों के लिए एजूकेशन लोन पर ब्याज सब्सिडी योजना लागू करें। इस बारे में सभी कामर्शियल बैंकों के प्रमुखों को मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय ने पत्र लिखा है। इसमें बैंकों से कहा गया है कि वे इस योजना को लागू करने के लिए...
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सांसद निधि फंसी है कई अजूबों और पेंच में
पटना राज्य के ज्यादातर सांसदों ने अपने कर्तव्यों की केंचुल उतार लोकहित की अपनी जिम्मेदारियां स्थानीय प्रशासन के जिम्मे छोड़ दी है। लिहाजा कहीं सांसद निधि की राशि विमुक्त न हो सकी, तो कहीं जमीन पर उसका कोई उपयोग नदारद है। लगता है कि पहले की तरह वायदों को जमीन पर उतारने की नहीं , कुछ और वायदे करते जाना, सांसदों का राजनीतिक शगल हो गया है। जनता यह खेल देखते रहने को अभिशप्त है।...
More »हर पंचायत समिति होगी हाईटेक
राजस्थान की हर पंचायत समिति मुख्यालय को आईटी केंद्र बनाकर हाईटेक किया जाएगा। इनमें राजीव गांधी सेवा केंद्र स्थापित होंगे। राज्य सरकार इनके लिए दस करोड़ रुपए खर्च करेंगी। पंचायत समिति में बनने वाले एक केंद्र की लागत 26 लाख रुपये आएगी। जिसमें छह लाख रुपये पांच वर्षो के लिए फैसिलिटी मैनेजमेंट सर्विस की लागत भी शामिल है। इस योजना की वर्तमान कुल लागत 6162 लाख रुपये है, जिसमें से 1245 लाख रुपये पिछड़ा क्षेत्र...
More »जैव विविधता संरक्षण को अंतरराष्ट्रीय संधि संभव
नई दिल्ली। पर्यावरण और वन राज्य मंत्री जयराम रमेश ने शनिवार को कहा कि जैव विविधता से भरपूर संसाधनों तक पहुंच और उसके दोहन के लाभ में स्थानीय समुदाय की हिस्सेदारी सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से दुनिया के 193 देशों के बीच आगामी अक्टूबर तक अंतरराष्ट्रीय संधि के आकार लेने की संभावना है। रमेश ने यहां अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस के मौके पर हुए समारोह में कहा कि जापान के नागोया में अक्टूबर मध्य...
More »किसे है यूपी में जनता की सेहत की फिक्र
नई दिल्ली [राजकेश्वर सिंह]। उत्तर प्रदेश विधानसभा में आंकड़ों के खेल में सरकार की सेहत भले ही ठीक हो, लेकिन जनता की सेहत की फिक्र किसे है। कम से कम ग्रामीण क्षेत्रों में तो स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल है। केंद्र सरकार की नजर में इस मामले में राज्य सरकार का कामकाज बिल्कुल असंतोषजनक है। प्रदेश के लगभग दो सौ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बिना डॉक्टरों के और 1929 मातृ-शिशु कल्याण उप केंद्र बिना एएनएम के चल...
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