रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों के लिए बड़े राहत पैकेज की घोषणा की है। इसके साथ ही उन्होंने बैंकों को निर्देश भी दिया है कि वे कृषि कर्जों को पुनर्गठित करें। उन्होंने बीमा कंपनियों को भी दावों को निपटाने में तत्परता से काम करने की नसीहत दी है। प्रधानमंत्री ने देश को आश्वस्त किया कि संकट के समय किसानों की मदद करना सरकार की जिम्मेदारी है। यह निस्संदेह एक स्वागतयोग्य कदम...
More »SEARCH RESULT
मोदी-राजन : पहले आप का खेल - नंटू बनर्जी
मंगलवार को नए वित्त वर्ष की पहली मौद्रिक नीति जारी करते हुए रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने वही किया, जिसकी कि उनसे उम्मीद की जा रही थी। उन्होंने यथास्थिति कायम रखते हुए रेपो रेट और कैश रिजर्व रेशियो को पूर्ववत रखा है। कॉर्पोरेट जगत ने इस पर निराशा जताई है, लेकिन यदि हम राजन की स्थिति को समझने की कोशिश करें तो पाएंगे कि वे इसके अलावा कुछ...
More »सब्सिडी का होगा बेहतर उपयोग- जयंतीलाल भंडारी
यकीनन कल तक लगातार सब्सिडी बढ़ने और सब्सिडी के दुरुपयोग वाले देशों की सूची में भारत पहली पंक्ति में शामिल किया जाता रहा है। अब पहली बार वित्त वर्ष 2015-16 के बजट में सरकार ने खाद्य, उर्वरक और पेट्रोलियम पर दी जाने वाली सब्सिडी में 10 फीसदी की कटौती कर दी है। लेकिन सब्सिडी के बेहतर उपयोग का प्रश्न देश के समक्ष उपस्थित है। अर्थव्यवस्था की खस्ता हालत के लिए मोटे...
More »खनन की नैतिकता और भावी पीढ़ियों के लिए एक साझा कोष बनाने का सवाल
गोवा फाऊंडेशन और इन्क्लूसिव मीडिया फॉर चेंज के सहयोग से सीएसडीएस का पब्लिक्स एंड पॉलिसिज् प्रोग्राम खनन और जीविका से संबंधित एक विचार-विमर्श “ परमानेंट फंड मॉडेल फॉर ईथीकल माइनिंग: लैंड, लाइवलीहुड एंड इन्टरजेनरेशनल इक्विटी” शीर्षक से आयोजित कर रहा है। यह विचार-विमर्श भू-संपदा पर भावी पीढियों के हक के मसले के इर्द-गिर्द होगा। विचार-विमर्श की शुरुआत 18 फरवरी के दिन इंडिया इन्टरनेशनल सेंटर, नई दिल्ली में एक दिन के...
More »किसके अच्छे दिन लाएगा बजट- उपेन्द्र प्रसाद
आगामी बजट सही मायने में नरेंद्र मोदी सरकार का पहला बजट होगा, क्योंकि अरुण जेटली द्वारा पेश किया गया पिछला बजट उनके पूर्ववर्ती यूपीए के वित्त मंत्री पी चिदंबरम द्वारा कुछ महीने पहले पेश किए गए अंतरिम बजट का ही विस्तार था। इस बजट पर देश और दुनिया की निगाहें लगी हुई हैं और लोग देखना चाह रहे हैं कि मोदी सरकार आने वाले समय में देश की अर्थव्यवस्था को...
More »