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न्यायालय ने केंद्र , राज्यों से 1.17 लाख ‘लापता’ बच्चों के मुद्दे पर जवाब मांगा

नयी दिल्ली, 16 मार्च (एजेंसी) उच्चतम न्यायालय ने आज उस याचिका पर केंद्र , राज्यों और संघ शासित प्रदेशों से जवाब मांगा जिसमें आरोप लगाया गया है कि 2008 और 2011 के बीच एक लाख से अधिक बच्चे अपने घरों से रहस्यमय ढंग से लापता हो गए । न्यायमूर्ति अल्तमस कबीर और न्यायमूर्ति एसएस निज्जर की पीठ ने गैर सरकारी संगठन ‘बचपन बचाओ आंदोलन’ की जनहित याचिका पर अटॉर्नी जनरल जीई वाहनवती...

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सोशल ऑडिट से भ्रष्टाचार पर अंकुश - भरत डोगरा

सरकार की ओर से विकास कार्यों की विभागीय जांच तो होती ही रहती है और इसकी सीमाएं भी अब स्पष्ट हो चुकी हैं। पर यदि विकास कार्यों की जांच और मूल्यांकन उस समुदाय की भागीदारी से की जाए, जिसके लिए ये कार्य किए जाते हैं, तो उसके कहीं बेहतर परिणाम मिल सकते हैं। विशेषकर ग्रामीण विकास सुधारने के संदर्भ में तो सामाजिक अंकेक्षण के कुछ बहुत अच्छे उदाहरण, सरकारी व...

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विवाद के बीज, बरबादी की फसल- सुमन सहाय

हम जीएम तकनीक को जोरशोर से अपनाने की पहल कर रहे हैं और सरकार भी उस पर अमादा है। मगर हमारा पूरा तंत्र जिस तरह का है, उसमें क्या इस संवेदनशील काम को सार्वजनिक क्षेत्र के वैज्ञानिकों के भरोसे छोड़ा जा सकता है? जीएम तकनीक भी आणविक ऊर्जा की तरह है, इसलिए इस सवाल पर सावधानी से विचार करने की जरूरत है। हाल ही में बीकानेरी नरमा या बीटी कपास से संबंधित...

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'बच्चे पैदा करने में नंबर वन बन गया है राजस्थान'

जोधपुर.मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि बच्चे पैदा करने में राजस्थान नंबर वन बन गया है। देश की करीब साढ़े पांच प्रतिशत आबादी राजस्थान में बसती है। इसलिए प्रदेशवासी दो बच्चों के बाद फुल स्टॉप लगाएं, ताकि बच्चों की परवरिश अच्छे से हो सके। उन्होंने चेताया कि अगर ऐसा नहीं होगा तो भविष्य में तकलीफ ही तकलीफ होगी। वे रविवार को मंडोर रोड स्थित विशेष पिछड़ा वर्ग और अन्य पिछड़ा वर्ग के...

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विकास की बंद गली- भारत डोगरा

जनसत्ता 2 फरवरी, 2012 : हाल के वैश्विक संकट ने विश्व-स्तर पर लोगों को नए सिरे से आर्थिक नीतियों के बारे में सोचने के लिए प्रेरित किया है। अब आम लोग और विशेषज्ञ दोनों निजीकरण, बाजारीकरण और भूमंडलीकरण पर आधारित मॉडल की प्रासंगिकता पर सवाल उठा रहे हैं। आम लोगों की बेचैनी की अभिव्यक्ति सबसे प्रबल रूप में आक्युपाइ द वॉल स्ट्रीट आंदोलन के रूप में हुई है। दूसरी ओर, इस बार...

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