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देश की चालीस फीसदी आबादी मूल अधिकारों से वंचित

अगरतला। देश के 40 प्रतिशत से अधिक लोग मूल अधिकार और अवसर से वंचित हैं। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस तीरथ नाथ ठाकुर ने कहा कि देश की सवा अरब आबादी का 40 प्रतिशत कुछ मूल अधिकारों और अवसरों से वंचित है। जस्टिस ठाकुर नेशनल लीगल सर्विस अथॉरिटी (नालसा) के कार्यकारी चेयरमैन हैं। उन्होंने शनिवार रात एक सम्मेलन में यह बात कही। उन्होंने कहा कि जनसंख्या के 40 फीसदी लोग गरीबी की...

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पश्चिम बंगाल: समाचार पत्रों की आजादी में हस्तक्षेप नहीं: हाइकोर्ट

कोलकाता: कलकत्ता हाइकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश मंजुला चेल्लूर ने समाचार पत्रों की स्वतंत्रता के मामले में किसी प्रकार का हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया. एमपीएस कंपनी के मामले की सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश की टिप्पणी को बुधवार को समाचार पत्रों में प्रमुखता से प्रकाशित किया गया. इस पर आपत्ति जताते हुए कुछ सरकारी अधिवक्ताओं और बार एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रणब दत्त ने मुख्य न्यायाधीश से कुछ समाचार पत्रों...

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परीक्षाओं में धांधली की बढ़ती चुनौती - प्रेमपाल शर्मा

शायद ही कोई दिन ऐसा जाता हो जब देश में चल रही परीक्षाओं को लेकर कोई घोटाला सामने न आए। पिछले दिनों दिल्ली विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग के कई पेपर लीक हुए। ठीक इसी वक्त मेडिकल की प्रवेश परीक्षा में हुई धांधली का मामला भी सुप्रीम कोर्ट के सामने है, जिसने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है। मध्य प्रदेश के व्यापमं घोटाले के बारे में...

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इस सिस्टम ने की म‌हिलाओं की अनदेखी: केंद्र सरकार

केंद्र सरकार ने एक बार फिर से कोलेजियम सिस्टम को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि इस सिस्टम ने महिलाओं के साथ अनदेखी की। सरकार ने कहा कि कोलेजियम द्वारा बहुत कम संख्या में सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में महिला जजों की नियुक्ति हुई। सरकार ने कहा कि राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) के जरिए उच्चतर अदालतों में महिला जजों की नियुक्ति भी पर्याप्त संख्या में होगी। अब तक जो...

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मौत आती है पर नहीं आती - अनुराग चतुर्वेदी

'मरते हैं आरजू में मरने की/मौत आती है पर नहीं आती।" 7 मार्च 2011 को अरुणा रामचंद्र शानबाग बनाम यूनियन ऑफ इंडिया और अन्य के मुकदमे का फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति मार्कंडेय काटजू ने मिर्जा गालिब के इस शे"र को याद किया था। सोमवार को जब अरुणा ने आखिरी सांस ली, तब काटजू ने एक बार फिर यह शे"र दोहराया। इस दर्दनाक कहानी की शुरुआत 26 नवंबर 1973 को होती...

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