चंडीगढ़ [भारत डोगरा]। आज से चार-पांच दशक पहले हरित क्रांति के नाम पर भारतीय कृषि में बड़े बदलाव हुए तो इनका सबसे बड़ा केंद्र पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश की उपजाऊ पट्टी को बताया गया, जहां पानी की भी कोई कमी नहीं थी। इस क्षेत्र को भारत के खाद्यान्न कटोरे के रूप में विकसित करने पर बहुत निवेश हुआ और सिंचाई, रासायनिक खाद आदि व इनसे जुड़ी सब्सिडी का अधिकांश खर्च...
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पानी के लिए कोई नहीं पानी-पानी
पटना पानी चीज ही अजीब है। पानी चढ़ता है, उतरता है..पानी जमता है। टंकी पर चढ़ने वाला पानी कभी सिर पर भी चढ़ जाता है। पानी से आदमी पानी-पानी भी होता है। लेकिन सूबे में जल संचयन के लिए बने कानून को लागू करने में प्रशासन खुद पानी-पानी है। यही वजह है कि अब तक सख्ती से यह लागू नहीं हो सका है और भूजल-वाटर रिचार्ज...
More »एनएसी की बैठक में होगी खाद्य सुरक्षा विधेयक पर चर्चा
नई दिल्ली। सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय सलाहकार परिषद [एनएसी] की एक जुलाई को होने वाली बैठक में खाद्य सुरक्षा विधेयक पर चर्चा होगी, जिससे पहले परिषद के सदस्य व्यापक आम सहमति बनाने के लिए यहां विचार-विमर्श करेंगे। एनएसी-2 की पहली बैठक 10 जून को हुई थी, जिसमें तय हुआ था कि अगली बैठक एक जुलाई को होगी, जिसमें सबसे पहले खाद्य सुरक्षा विधेयक पर विस्तार से चर्चा होगी।...
More »जैविक कृषि पद्धति अपनाने का आह्वान
शिमला : किसानों को अब परंपरागत खेती की ओर मुड़ना ही होगा। यदि समय रहते किसानों ने पुरानी कृषि पद्धति को नहीं अपनाया तो भविष्य में इसके भयावह परिणाम भुगतने होंगे। कृषि पद्धति ही नहीं किसानों को खेती में विविधता भी लानी होगी क्योंकि अधिक रसायन के प्रयोग के कारण हिमाचल की मिट्टी से पोषक तत्व खत्म होते जा रहे हैं। विकसित देश अब भारत में की जाने वाली परपंरागत कृषि...
More »होटलों में मिलेंगे जैविक उत्पाद : धूमल
शिमला : मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि अब हिमाचल प्रदेश पर्यटन निगम (एचपीटीडीसी) अपने होटलों में जैविक भोजन व अन्य जैविक उत्पाद उपलब्ध कराएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जैविक खेती को विशेष प्राथमिकता प्रदान कर रही है। किसानों को पारंपरिक जैविक कृषि पद्धति अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है जिससे उन्हें आर्थिक लाभ के साथ-साथ घर-द्वार पर रोजगार व स्वरोजगार के अवसर भी मिलेंगे। मुख्यमंत्री वीरवार को इंदिरा गांधी खेल परिसर...
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