भले ही दुनिया के कई देशों में आयुर्वेदिक दवाओं का आयात भारत से होता हो, लेकिन इनके खिलाफ एक बड़ा भारी मत यह है कि प्राचीन ग्रंथों के उल्लेखों और सिर्फ भरोसे के आधार पर उन दवाओं का कारोबार नहीं चल सकता जिनके बनाने की विधि में एकरूपता न हो और जिनके असर व दुष्प्रभाव को मापने का कोई जरिया न हो। इन स्थितियों के बावजूद हाल में स्विट्जरलैंड की...
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साकार हो रहा है स्वच्छता का सपना - वेंकैया नायडू
महाराष्ट्र के वाशिम जिले में साईखेड़ा गांव की रहने वाली संगीता अहवाले ने अपने घर में शौचालय बनवाने के लिए अपना मंगलसूत्र तक बेच दिया। छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में स्थित कोटाभारी गांव की 104 वर्षीय वृद्ध कुंवर बाई ने घर में शौचालय के निर्माण के लिए अपनी बकरियां बेच दीं। कोलारस ब्लॉक के गोपालपुरा गांव की आदिवासी दुल्हन प्रियंका अपनी ससुराल में शौचालय नहीं होने के चलते मायके लौट...
More »पर्यावरण विमर्श का जनपक्ष-- अनुज लुगुन
विश्व बाजार में आज दो विपरीत चीजें एक साथ चल रही हैं- हथियारों की होड़ एवं पर्यावरण विमर्श. ग्लोबलाइजेशन ने ‘ग्लोबल' होने का जो सिद्धांत दिया, उसने ग्लोबल वार्मिंग की समस्या को भी पैदा किया. क्योंकि ‘ग्लोबल' होने का आधार बाजार को बनाया गया और बाजार ने पूंजी के जिस प्रलोभन को जन्म दिया, उसने हथियारों की होड़ को पैदा किया. अगर गंभीरता से देखा जाये, तो इन दोनों का...
More »जब मंत्रीजी बोले, कुपोषण से छह सौ बच्चे मरे, तो क्या हो गया
ओमप्रकाश तिवारी, मुंबई। राजधानी मुंबई से सिर्फ 140 किलोमीटर दूर आदिवासी बहुल मोखाड़ा क्षेत्र में कुपोषण से हो रही बच्चों की मौत भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के लिए मुसीबत बन गई है। पिछले सालभर में ऐसी 600 मौतें होने की आशंका है। हालांकि, राज्य के आदिवासी कल्याण मंत्री विष्णु सावरा के लिए यह कोई बड़ा मामला नहीं है। गुरुवार शाम को जब सावरा पालघर जिले के एक गांव के दौरे...
More »असमानता की जड़ें-- सतीश सिंह
सरकार चाहती है कि देश विकास के पथ पर तेजी से अग्रसर हो, लेकिन वह बैंकों की सेहत सुधारने की दिशा में ठोस पहल नहीं कर रही है। मजबूत अर्थव्यवस्था की रीढ़ बैंकिंग क्षेत्र को माना गया है। अर्थव्यवस्था को बैंकों की मदद से ही संतुलित रखा जा सकता है। बैंकों की सकारात्मक भूमिका के बिना वित्तमंत्री देश के विकास के सपने को साकार नहीं कर सकते हैं। संपत्ति शोध कंपनी ‘न्यू...
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