-इंडिया टूडे, देश में 2019 में प्राकृतिक आपदाओं की 19 घटनाएं हुईं और उनमें कुल 1500 से अधिक लोगों की मौत हुई. इन मौतों में से करीब 63 फीसद मौतें भारी बरसात और बाढ़ आने की वजह से हुई हैं. भारत के पर्यावरण पर सेंटर फॉर साइंस ऐंड एनवायर्नमेंट की 2020 की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है. 4 जून को जारी इस रिपोर्ट में कहा गया है कि प्राकृतिक आपदाओं में...
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'सरकार नाकाम साबित हुई, मेरे पिता नहीं बचे'
-गांव कनेक्शन, सुबह आठ बजकर पांच मिनट पर अमरप्रीत के ट्विटर हैंडल से एक ट़्वीट होता है, "मेरे पिता को बहुत बुखार है। उन्हें जल्द से जल्द अस्पताल में भर्ती कराना होगा। मैं उन्हें लेकर लोक नायक जय प्रकाश नारायाण अस्पताल के बाहर खड़ी हूं, लेकिन डॉक्टर उन्हें भर्ती नहीं कर रहे हैं। उन्हें कोरोना है। तेज बुखार है, वे सांस नहीं ले पा रहे हैं। बिना मदद के जिंदा नहीं...
More »उत्तराखंड में भारी बारिश से टूटे रास्ते, जनजीवन अस्त-व्यस्त
-डाउन टू अर्थ, 28 मई से उत्तराखंड के कई हिस्सों में बारिश की स्थिति बनी हुई है। पौड़ी में भी 28 मई को हुई तेज बरसात से थलीसैंण ब्लॉक के कई गांवों में मुश्किल हालात पैदा हो गए। यहां पूर्वी नयार नदी को जाने वाला गदेरा उफान पर आ गया। बारिश के साथ गदेरे मे बह कर आए गाद और मलबे से गांवों के रास्ते टूट-फूट गए। ब्यासी, कुनेथ, रौली समेत...
More »बूंद-बूंद पानी के लिए रातभर जागती हैं महिलाएं
-इंडिया वाटर पोर्टल, भारत का जल संकट किसी से छिपा नहीं है। हर साल गर्मियों के दौरान जल संकट का भयानक रूप सामने आता है। इस बार ऐसे समय में जल संकट गहराने लगा है, जब भारत सहित पूरी दुनिया कोविड-19 महामारी से लड़ रही है। किसी इलाके में दो दिन में एक बार पानी की सप्लाई की जा रही है, तो कुछ इलाकों में दिन में एक बार ही नलों...
More »एक नहीं, कई देशों के लिए खतरा बन चुके हैं ये टिड्डी दल
-डाउन टू अर्थ, अकेली टिड्डी खतरनाक नहीं होती। लेकिन जब वे समूह में आ जाते हैं तब उनका व्यवहार आश्चर्यजनिक रूप से परिवर्तित हो जाता है। व्यवहार में यह बदलाव और समूह में रहने की प्रवृत्ति को ग्रेगराइजेशन कहा जाता है। समूह में वे एक साथ उड़ते हैं और फसलों पर हमला करते हैं। 2019 में में कहर बरपाने वाले रेगिस्तानी टिड्डी दल की उत्पत्ति 2018-2019 के सर्दियों के दौरान यमन...
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