पटना। बिहार में जन वितरण प्रणाली (पीडीएस) के दुकानदारों द्वारा अनाज उठाव की सूचना उपभोक्ताओं के मोबाइल फोन पर एसएमएस के द्वारा दी जाएगी। इसके लिए सभी दुकानों के सम्बंधित इलाकों की निगरानी समिति व उपभोक्ताओं का मोबाइल नंबर का डाटा बैंक तैयार कर लिया गया है। राज्य के खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्याम रजक ने शनिवर को बताया कि जन वितरण प्रणाली में जन सामान्य की भागीदारी बढ़ाने के लिए...
More »SEARCH RESULT
केंद्र और राज्य सरकार की लड़ाई में पिस रहा गरीब
भोपाल. केंद्र और राज्य सरकार लड़ाई में गरीब पिस रहे हैं। केंद्र के गोदाम अनाज से भरे पड़े हैं, लेकिन गरीबों के लिए अनाज नहीं है,जबकि सुप्रीमकोर्ट दो साल पहले की कह चुका है कि प्रत्येक बीपीएल परिवार को 35 किलो अनाज हरहाल में मुहैया कराया जाना है। लेकिन गरीबों को बमुश्किल 23 किलो अनाज ही मिल पा रहा है। वहीं राज्य सरकार की लेतलतीफी यह कि सुप्रीमकोर्ट के आदेश का...
More »अधर में बीपीएल परिवारों का सर्वेक्षण
नई दिल्ली [सुरेंद्र प्रसाद सिंह]। केंद्रीय गृह मंत्रालय के इंकार के बाद गरीबों [बीपीएल] की गणना कराने की ग्रामीण विकास मंत्रालय की मंशा को करारा झटका लगा है। इससे बीपीएल परिवारों का सर्वेक्षण कराने और उन्हें चिह्नित करने का काम लटक गया है। गृह मंत्रालय ने जाति गणना के साथ बीपीएल सर्वेक्षण की योजना में खामियां गिनाते हुए इसे कराने से मना किया है। बीपीएल सर्वेक्षण कराने से पहले...
More »‘अप्रैल से 10 रुपये में धोती व साड़ी’
धनबाद राज्य के बीपीएल परिवारों को अप्रैल माह से दस रुपये में धोती और साड़ी मिलने लगेगा। यह घोषणा रविवार को राज्य के भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री मथुरा प्रसाद महतो ने की। रविवार को बेकारबांध स्थित विधायक कुटीर में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस योजना को अमलीजामा पहनाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। बजट बनाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। अगले...
More »कुपोषण की चपेट में सहरिया जनजाति के नौनिहाल-एएचआरसी
परंत, राजवीर, रामकुमारी,सन्नी- ये नाम घनघोर कुपोषण में दम तोड़ने वाले बच्चों के हैं। 3 साल या फिर इससे भी कम उम्र के सभी बच्चे मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले गांवों में आबाद सहरिया जनजाति के हैं। आशिक, कुलदीप,पवन और मालती जैसे कुछ बच्चे और हैं, ये भी सहरिया जनजाति के ही हैं और कुपोषण की चपेट में इनका भी दम किसी क्षण टूट सकता है।(देखें लिंक संख्या-1) मानवाधिकारों के मोर्चे पर...
More »