कभी-कभी दो परस्पर विरोधी स्थितियां जब सामने आती हैं, तो वे संशय पैदा करने के साथ काफी हद तक हमें असहज भी बना जाती हैं। इन स्थितियों को देख एक आम प्रश्न मन में उठता है कि यदि हम दुनिया की सबसे चमकदार अर्थव्यवस्था बन रहे हैं तो फिर हमारे युवाओं को काम के लिए दूसरे देशों में खाक छानने की जरूरत क्यों पड़ रही है? दूसरा सवाल यह कि...
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काले धन का दोहरा संकट-- डा. भरत झुनझुनवाला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नागरिकों से कहा है कि काले धन की घोषणा करके उस पर टैक्स अदा कर दें अन्यथा 30 सितंबर के बाद सख्त कदम उठाये जायेंगे. काला धन रखनेवालों को जेल भी भेजा जा सकता है. हाल में ही बेनामी प्राॅपर्टी को जब्त करने का नया कानून संसद ने पारित किया है. प्रश्न है कि इसका अंतिम परिणाम क्या होगा. क्या काले धन पर नियंत्रण...
More »विकास की धुंधलाती उम्मीद, विकास व परिवर्तन अभी भी सपना-- तवलीन सिंह
ठीक दो हफ्ते बाद नरेंद्र मोदी लाल किले की प्राचीर से अपना तीसरा भाषण देंगे। इस ऐतिहासिक प्राचीर से जब उन्होंने पहला भाषण दिया था 2014 में, तो उनके शासनकाल की शुरुआत का समय था और यह कहना गलत न होगा कि परिवर्तन और विकास के सपने पर हर भारतीय को विश्वास था। कुछ वामपंथी बुद्धिजीवियों को छोड़ कर हम सबको यकीन था कि मोदी भारत को बदल कर दिखाएंगे।...
More »शिक्षा में संवैधानिक मूल्यों से पलायन-- बीरेन्द्र सिंह रावत/फिरोज अहमद/मनोज चाहिल
नई शिक्षा नीति तैयार करने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा अवकाश-प्राप्त कैबिनेट सचिव टीएसआर सुब्रमण्यन की अध्यक्षता में जो पांच सदस्यीय समिति 31 अक्टूबर 2015 को गठित की गई थी, उसने 30 अप्रैल 2016 को दो सौ तीस पृष्ठों की एक रपट मंत्रालय को सौंपी। यह एक राज ही रहा कि सरकार ने आखिर क्यों उस रपट को सार्वजनिक नहीं किया, जबकि उसकी विषयवस्तु न सिर्फ गोपनीय नहीं...
More »संकट: सात माह से नहीं मिली तनख्वाह, सऊदी में सबसे अधिक बिहारी
नयी दिल्ली : नौकरी गंवाने के बाद करीब 10 हजार भारतीय कामगार सऊदी अरब के जेद्दा शहर में पिछले तीन दिनों से कथित तौर पर भूख से तड़प रहे हैं. जेद्दा में फंसे इमरान खोखर ने ट्विटर पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को इसकी जानकारी दी जिसके बाद उन्होंने हस्तक्षेप किया और वहां फंसे भारतीयों को भोजन उपलब्ध करवाया. वहां फंसे हुए भारतीयों के संबंध में ट्विटर पर लगातार जानकारी...
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