विभिन्न देशों के कानून और पर्यावरण नियमों का बड़े पैमाने पर उल्लंघन करने में वेदांत रिसोर्सेज़ की एक अलग पहचान है. कहने को तो यह कम्पनी एक पब्लिक कम्पनी है मगर इसमें वर्चस्व खुले तौर पर केवल एक व्यक्ति, उसके परिवार और इष्ट मित्रों का ही है. इस कम्पनी को इस बात पर भी नाज़ है कि वह हिन्दुत्व और नव-उदार रूढ़िवादिता में समन्वय स्थापित करती है. परेशानी की बात...
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हिमालय में खुलता एक मोर्चा -अभिषेक श्रीवास्तव
पिछले दिनों हिमाचल के रोहतांग से लेह तक एक सुरंग के उद्घाटन की खबर को मीडिया में काफी जगह मिली थी. ऐसा इसलिए भी क्योंकि इसका उद्घाटन करने यूपीए की अध्यक्ष सोनिया गांधी खुद गई थीं. राज्य के मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने इस सुरंग को रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण करार देते हुए चीन पर आरोप लगाया था कि वह सीमा पर बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचा संबंधी निर्माण कार्य...
More »130 साल की सेहतमंद व 45 लोगों का परिवार
नहटौर, बिजनौर [हरीश चौधरी]। यह खबर नहीं, आईना है। खासकर उन लोगों के लिए जो सिर्फ पत्नी और बच्चों के साथ ही जीवन में खुशियां ढूंढ़ते हैं। यूं कहें जिनका संयुक्त परिवार से कोई वास्ता नहीं रह गया है। उन्हें यह खबर बताएगी कि परिवार और परिवार का मुखिया होने का मतलब क्या होता है? हम जिस परिवार की बात कर रहे हैं, उसमें मुखिया 130 वर्ष की वृद्धा है। वह...
More »सरकारी बैंकों को और मिलेंगे 4500 करोड़
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। सरकारी क्षेत्र के बैंकों को मजबूत बनाने के लिए विश्व बैंक से आर्थिक मदद आगे भी मिलती रहेगी। पिछले वित्त वर्ष के दौरान विश्व बैंक ने भारत सरकार को इस काम के लिए दो अरब डालर [लगभग 9000 करोड़ रुपये] दिए थे। जबकि चालू वित्त वर्ष के दौरान एक अरब डालर [लगभग 4500 करोड़ रुपये] देने पर विचार किया जा रहा है। दरअसल, वर्ष 2008 की...
More »विद्रोह के केंद्र में दिन और रातें
जाने-माने मानवाधिकार कार्यकर्ता और ईपीडब्ल्यू के सलाहकार संपादक गौतम नवलखा तथा स्वीडिश पत्रकार जॉन मिर्डल कुछ समय पहले भारत में माओवाद के प्रभाव वाले इलाकों में गए थे, जिसके दौरान उन्होंने भाकपा माओवादी के महासचिव गणपति से भी मुलाकात की थी. इस यात्रा से लौटने के बाद गौतम ने यह लंबा आलेख लिखा है, जिसमें वे न सिर्फ ऑपरेशन ग्रीन हंट के निहितार्थों की गहराई से पड़ताल करते हैं, बल्कि माओवादी...
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