पिछले दो साल में मैंने सरकार की फसल बीमा योजना के बारे में यह बात कई बार सुनी है कि- 'भाई साहब, यह किसान की फसल का बीमा नहीं है. यह तो बैंकों ने अपने लोन का बीमा करवाया है.' साल 2015 से लेकर अब तक जय किसान आंदोलन के साथियों के साथ मिल कर मैंने देशभर में ‘किसान मुक्ति यात्रा' की. ये यात्राएं उन्हीं इलाकों में हुईं, जहां किसानों...
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फंसे हुए कर्ज से निजात की नई कवायद-- सतीश सिंह
सरकार ने अध्यादेश के जरिए रिजर्व बैंक को फंसे हुए कर्ज की वसूली के लिए चूककर्ता कंपनियों के विरुद्ध दिवालिया प्रक्रिया शुरू करने का अधिकार दे दिया है। इस अध्यादेश का उद््देश्य है फंसे हुए कर्ज के मौजूदा गतिरोध को खत्म करना। इस कानून के पारित होने के बाद केंद्रीय बैंक चूककर्ता कंपनियों के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया शुरू कर सकता है। साथ ही, फंसे हुए कर्ज की समस्या को निपटाने...
More »किसान आंदोलन का ट्रेलर --- योगेन्द्र यादव
पिछले दिनों जंतर-मंतर पर किसान की पीड़ा की परेड चल रही थी. साथ ही किसान आंदोलन के नये रूप और नये संकल्प की बानगी भी मिल रही थी. दुख, आक्रोश और नैराश्य के सागर में डूबता-उबरता मैं एक छोटी सी आशा ढूंढ रहा था. वहां पर उसकी झलक दिख गयी. किसान की दशा का नाटकीय चित्रण करने में तमिलनाडु के किसान नेता अय्याकन्नू का कोई जवाब नहीं. राज्य में पिछले...
More »ओडीएफ घोषित पंचायतों का हाल : अब भी 25% लोग कर रहे खुले में शौच
पटना : पटना जिले की आबादी 2011 की जनसंख्या के मुताबिक 58 लाख 38 हजार 465 है, जिनमें से अाधी से अधिक आबादी अब भी खुले में शौच जाने को मजबूर है. कई लोगों के पास जमीन नहीं है, तो कई लोग आर्थिक रूप से शौचालय निर्माण करने में सक्षम नहीं हैं. सरकारी योजनाओं में शौचालय निर्माण की बात जोर-शोर से की जा रही है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और...
More »बेदम इकाई का निजीकरण ही भला - डॉ. भरत झुनझुनवाला
आखिरकार सरकार ने एअर इंडिया के निजीकरण का निर्णय ले ही लिया। सार्वजनिक इकाइयों के निजीकरण के विरुद्ध पहला तर्क मुनाफाखोरी का दिया जा रहा है। जैसे ब्रिटिश रेल की लाइनों की कंपनियों का निजीकरण कर दिया गया। पाया गया कि रेल सेवा की गुणवत्ता में कमी आई। रेलगाड़ियों ने समय पर चलना बंद कर दिया। सुरक्षा पर खर्च में कटौती हुई, परंतु रेल का किराया नहीं घटा। दक्षिण अमेरिका...
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