अनदेखी और उपेक्षा के बीच छुआछूत का बरताव जारी है और देश में अस्पृश्यता की समस्या मौजूद है। यह लाखों लोगों के लिए उम्र भर दुःख और अपमान के बीच रहने और जीने का मामला है। इसकी कल्पना बरतर सामाजिक हालातों में जीने वाले नहीं कर सकते लेकिन जैसा कि गुजरे 14 अप्रैल, 2012 से शुरु हुए अनुच्छेद 17 अभियान के अंतर्गत इंडिया अनहर्ड द्वारा जारी 22 छोटे और आसानी...
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मिड दे मील में विषाक्त भोजन खाकर 19 बच्चे बीमार
बिहार के बांका में मंगलवार को विषाक्त भोजन खाने से एक स्कूल के 19 बच्चे बीमार पड़ गये. बांका जिले में अमरपुर थाना अंतर्गत विशंभर चक गांव में विषाक्त भोजन खाने के कारण सरकारी प्राथमिक विद्यालय के 19 बच्चे बीमार पड़ गये. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि विशंभर चक गांव में सरकारी प्राथमिक विद्यालय में दोपहर का भोजन (एमडीएम) खाने के बाद उल्टी और दस्त की शिकायत होने पर बच्चों...
More »खेती की उपेक्षा और खाद्य सुरक्षा- भारत डोगरा
जनसत्ता 21 मार्च, 2012: लोकसभा में पिछले वर्ष प्रस्तुत किए गए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक से कोई सहमत हो या असहमत, पर इसके महत्त्च से इनकार नहीं किया जा सकता। मौजूदा रूप या इससे काफी मिलते-जुलते रूप में यह विधेयक पारित हो गया तो आने वाले अनेक वर्षों तक इसका हमारी खाद्य और कृषि व्यवस्था पर बहुत व्यापक असर पड़ेगा। इसलिए इस विधेयक से संबंधित जानकारी अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचे...
More »स्कूल के खाने में मिला दिया जहर, बाल-बाल बची 170 की जान
विश्रामपुर(गढ़वा). रेहला स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में शुक्रवार की रात खाना न खाने से 170 बच्चियों की जान बच गई। खाने में जहर मिला था, जिसे खाने से एक बच्ची गंभीर रूप से बीमार हो गई। स्थानीय चिकित्सक के परामर्श के बाद नौवीं की छात्रा हसबुन खातून को सदर अस्पताल गढ़वा रेफर किया गया। रात भर चले इलाज के बाद वह विद्यालय लौट आई है। खाना खाते ही हसबुन...
More »असमानता की खाई पाटने का अवसर : हर्ष मंदर
खाद्य सुरक्षा विधेयक में भारत के लाखों गरीबों और वंचितों की नियति बदलकर रख देने की क्षमता है। दो साल चली बहस के बाद केंद्र सरकार ने इसे मंजूरी दी। खबरों से पता चला है कि प्रस्तावित कानून के संबंध में स्वयं कैबिनेट मंत्रियों की धारणाएं अलग-अलग थीं। इस पर हुई बहस में भारत में व्याप्त असमानता की संस्कृति की झलक भी मिली। यह भी पता चला कि इस कारण...
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