SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 4076

स्त्री सशक्तीकरण की शर्तें- विकास नारायण राय

जनसत्ता 16 जून, 2014 : बलात्कार और हत्या पर राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए बदायूं के कटरा सादतगंज गांव में पहुंचने वाले राजनीतिकों को उपेक्षा से नहीं लेना चाहिए। न इस जमात के दूर से ऊलजलूल अर्द्ध-सत्य बोलने वालों को। दरअसल, इन सतही कवायदों में स्त्री-सशक्तीकरण के पैरोकारों के लिए एक निहित संदेश है- स्त्री-विरुद्ध हिंसा के मसलों पर समग्र राजनीतिक एजेंडे की सख्त जरूरत है। मीडिया, एनजीओ और कानून...

More »

बदायूं, बलात्कार और विकास- चंदन श्रीवास्तव

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह यूं तो अपने मौन के लिए जाने गये, तो भी उनका यह वाक्य भारतीय राजनीति के रोजमर्रा के पर्यवेक्षकों को दशकों तक याद रहेगा कि ‘जिस विचार का समय आ गया हो, उसे दुनिया की कोई ताकत नहीं रोक सकती.’ इसी मिजाज का एक वाक्य साहित्यकार विक्टर ह्यूगो के नाम से भी मशहूर है. ह्यूगो के एक उपन्यास द हिस्ट्री ऑफ ए क्राइम में एक वाक्य आता है- ‘नथिंग इज स्ट्रांगर...

More »

विकास कार्यो की जांच का जिम्मा निजी एजेंसी को

पटना : सूबे के सात सीमावर्ती जिलों में विकास कार्यो की जांच थर्ड पार्टी द्वारा करायी जायेगी. इससे पहले केंद्र के सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम के तहत कार्यो की जांच एडीएम स्तर के अधिकारी करते थे. थर्ड पार्टी कोई निजी या सार्वजनिक कंसल्टेंसी कंपनी हो सकती है. थर्ड पार्टी से जांच कराने का उद्देश्य कार्यो की गुणवत्ता व प्राक्कलन का अनुपालन की सही जानकारी हासिल करना है.  वहीं बेसलाइन सर्वे के आधार पर...

More »

राज्य में अभी बनी रहेगी दूध की कमी

रांची : पूरे राज्य में गत 15 दिनों से दूध की कमी बनी हुई है. इस कमी से निबटना मुश्किल है. सुधा की रांची डेयरी से शहर व आसपास के बूथों पर दूध की आपूर्ति में लगातार कटौती की जा रही है. टाटीसिलवे व अन्य इलाके में तीन दिन बाद शनिवार की रात दूध पहुंचा, जो मांग से काफी कम था. गव्य निदेशालय सूत्रों के अनुसार शादी-ब्याह के इस मौसम में...

More »

तोडऩे होंगे जी एम फसलों पर पूर्वाग्रह - डा. एन सीताराम

कृषि जगत : दुनिया भर में 1996 से 2013 के बीच बायोटेक फसलों की खेती में हुई है सौ गुना बढ़ोतरी वर्ष 2013 की शुरूआत में जी एम फसलों के महत्व को लेकर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सार्वजनिक तौर पर अपने विचार देश के सामने रखे थे। कुछ उसी तरह वर्ष 2014 की शुरूआत भी एग्रीबायोटेक उद्योग के लिए खुशनुमा है। हमारे तमाम वैज्ञानिक प्रधानमंत्री के स्पष्ट वक्तव्य से उत्साहित हैं। अनुवांशिक...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close