पटना राज्य के ज्यादातर सांसदों ने अपने कर्तव्यों की केंचुल उतार लोकहित की अपनी जिम्मेदारियां स्थानीय प्रशासन के जिम्मे छोड़ दी है। लिहाजा कहीं सांसद निधि की राशि विमुक्त न हो सकी, तो कहीं जमीन पर उसका कोई उपयोग नदारद है। लगता है कि पहले की तरह वायदों को जमीन पर उतारने की नहीं , कुछ और वायदे करते जाना, सांसदों का राजनीतिक शगल हो गया है। जनता यह खेल देखते रहने को अभिशप्त है।...
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'जो इनसान हैं वे हमारा समर्थन करेंगे, राक्षस नहीं'
बालियान खाप के चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत, रेयाज उल हक को बता रहे हैं कि सगोत्र में शादी की इजाजत देना उनकी नस्ल पर हमला है. अब तो केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि वह हिंदू विवाह अधिनियम में संशोधन करने की मांग पर गौर नहीं करेगी. खाप पंचायतें अब क्या करेंगी? सरकार ने तो बोल दिया है, लेकिन जनता न तो चुप बैठेगी न भय खाएगी. जो...
More »राष्ट्रीय शिक्षा वित्त निगम बनेगा हकीकत
नई दिल्ली। धनाभाव के कारण उच्च शिक्षा से वंचित मेधावी छात्रों की समस्याओं को दूर करने के लिए 'राष्ट्रीय शिक्षा वित्त निगम' की स्थापना के प्रस्ताव को योजना आयोग का सहयोग हासिल हो गया है और अब इस विषय पर वित्त मंत्रालय के साथ चर्चा की जानी है। मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि सरकार छात्रों को शिक्षा प्राप्त करने के लिए सस्ती ऋण सुविधा प्रदान करने के संबंध में 'राष्ट्रीय शिक्षा...
More »हरियाणा में अमेरिका व चीन की कपास जंग
पानीपत। हरियाणा के किसानों का विश्वास जीतने के लिए अमेरिका व चीन की बीटी काटन बीज कंपनियों के बीच जंग शुरू हो गई है। अमेरिकी बीज कंपनियां पिछले पांच साल से कपास उत्पादक किसानों के बीच हैं, जबकि चीनी कंपनी ने राज्य में पिछले साल अपना आधार बबनाते हुए इस साल पहली बार जोरदार ढंग से दस्तक दी है। कृषि विभाग ने सात से 25 मई के बीच बीटी काटन की बिजाई करने...
More »अब हक के लिए आर-पार की लड़ाई
शिमला। हिमाचल सरकार केंद्र से राज्य के हितों की अनदेखी के बाद अब अपने हकों को लेकर आर-पार की लड़ाई के मूड में है। राज्य ने चेताया है कि अगर हिमाचल प्रदेश के पौंग बांध विस्थापितों को राजस्थान में जमीन देने में लेटलतीफी की तो वहां के अधिकारियों को भी कोर्ट में घसीटा जाएगा। 50 साल के लंबे समय में भी जो मसले विस्थापितों के नहीं सुलझे हैं, उन पर भी हिमाचल, राजस्थान सरकार से...
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