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महिला जज के खिलाफ दहेज प्रताड़ना का केस

टीकमगढ़. जबलपुर फैमिली कोर्ट की प्रधान न्यायाधीश पर अपनी बहू और उसके परिवार को प्रताड़ित करने का मामला दर्ज किया गया है। हाई कोर्ट की अनापत्ति के बाद यह मामला जतारा थाने में दर्ज कराया गया। आरोप है कि उन्होंने अपनी बहू के पिता को आत्महत्या के लिए मजबूर किया। पुलिस ने इस मामले की पुष्टि कर दी है। इस मामले में प्रधान न्यायाधीश मीना भट्ट, उनके पति रिटायर्ड एडीजे पुरुषोत्तम भट्ट...

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चिदंबरम ने कहा, गरीबों का खास ख्याल रखा जाए

रांची [जागरण ब्यूरो]। केंद्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम ने कहा है कि केंद्र सरकार झारखंड में उग्रवाद पर नियंत्रण व विकास के लिए हर संभव मदद को तैयार है। राज्य प्रशासन इस दिशा में प्रतिबद्ध होकर कार्य करे। चिदंबरम राजभवन में राज्य के आलाधिकारियों के साथ विकास योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अधिकारी हर हाल में वर्ष 2010-11 के लिए विभागीय कार्यो की प्राथमिकता 30...

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प्यास बुझाने को महिलाओं ने हाथों में पकड़ी कुदालें

मदकोट (पिथौरागढ़)। घर के बच्चों से लेकर बूढ़ों तथा गौशाला के जानवरों का पालन करने वाली पर्वतीय समाज की धुरी ग्रामीण महिलाएं अब प्यासों को पानी पिलाने के लिये हाथों में कुदालें और रैंच लेकर पाईप लाईन भी सुधारने में जुट चुकी है। जी हां यह सब कर रही हैं तहसील मुनस्यारी के सीमान्त ग्राम पंचायत मदकोट की महिलाएं। तपती दुपहरी में घर के सभी कार्य निपटा कर भूमिगत पाईपों को खोद कर उनकी साफ-सफाई...

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अस्पताल डाक्टरों की कमी से खुद पड़े हैं बीमार

पिथौरागढ़। सरकार के तमाम दावों के बावजूद जनपद की स्वास्थ्य सुविधाओं में कोई सुधार नहीं हो पाया है। यहां पर चिकित्सकों की भारी कमी के चलते अधिकांश मामलों में खुद बीमार पड़े प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र से लेकर जिला चिकित्सालय तक महज रेफर सेंटर साबित हो रहे हैं। वर्ष 2006 में स्वीकृत हुये बेस अस्पताल का मामला अभी भी अधर में है। बेस चिकित्सालय के राजनीति की भेंट चढ़ जाने से बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलने की उम्मीद...

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पांच सौ रुपया तनख्वाह में बीस वर्षो से कार्य कर रही हैं दाईयां

पिथौरागढ़। सुविधाओं से वंचित ग्रामीण क्षेत्रों में गर्भवती महिलाओं को प्रसव कराने वाली दाईयों के हाल बद से बदत्तर हैं। सरकारें अपने कर्मचारियों को छठा वेतनमान दे रही है वहीं इन दाईयों को मात्र चार सौ रुपये प्रतिमाह खैरात के रुप में दिये जाते हैं। सौ रुपया स्थानीय अस्पताल से मिलता है। पांच सौ रुपयों के लिये दाईयों को माह में दो तीन बार ब्लाक मुख्यालय के चक्कर काटने पड़ते हैं। जिसमें मिलने वाली धनराशि का...

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