SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 704

अर्थव्यवस्था की आगे की राह-- अरविन्द कुमार सिंह

कृषि और विनिर्माण (मैन्युफैक्चरिंग) क्षेत्र में खराब प्रदर्शन के कारण चालू वित्तवर्ष में विकास दर की रफ्तार साढ़े छह प्रतिशत पर थमने की आशंका एक बार फिर बढ़ गई है। यह अनुमान केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने जताया है जिसके मुताबिक प्रतिव्यक्ति आय बढ़ने की गति अत्यंत धीमी है और साथ ही विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर घट कर छह साल के न्यूनतम स्तर (4.6 प्रतिशत) पर आ गई है।...

More »

उभरती अर्थव्‍यवस्‍थाओं की सूची: चीन के बाद पाकिस्‍तान-बांग्लादेश से भी पिछड़ा भारत

समावेशी वृद्धि सूचकांक में भारत उभरती अर्थव्यवस्थाओं में 62वें स्थान पर है। इस मामले में भारत चीन (26वां) और पाकिस्तान (47वां) से भी पीछे है। विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) ने अपनी सालाना शिखर बैठक शुरू होने से पहले सोमवार (22 जनवरी) को यह सूची जारी की। नॉर्वे दुनिया की सबसे समावेशी आधुनिक विकसित अर्थव्यवस्था बना हुआ है। वहीं लिथुआनिया उभरती अर्थव्यवस्थाओं में शीर्ष पर है। डब्ल्यूईएफ की वार्षिक शिखर बैठक...

More »

ठोस उपायों से ही बदलेगी तस्वीर - डॉ. भरत झुनझुनवाला

केंद्र सरकार का वित्तीय घाटा बढ़ रहा है। सरकार की आय कम हो और खर्च ज्यादा हो तो अंतर को पाटने के लिए सरकार बाजार से ऋण लेती है। इस ऋण को वित्तीय घाटा कहा जाता है। वित्तीय घाटे को अच्छा नहीं माना जाता, ठीक वैसे ही जैसे ऋण लेकर फाइव स्टार होटल में भोजन करने वाले को जिम्मेदार नहीं माना जाता है। विदेशी निवेशक सोचते हैं कि सरकार को...

More »

अर्थव्यवस्था की गतिकी-- संदीप मानुधने

केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के वर्षभर के पहले अग्रिम आकलन के मुताबिक सकल घरेलू उत्पादन (जीडीपी) की वार्षिक वृद्धि दर का आंकड़ा अनुमान से काफी कम आया है. सीएसओ का कहना है कि मौजूदा वित्त वर्ष में जीडीपी 6.5 फीसदी के दर से बढ़ेगी, जबकि रिजर्व बैंक का आकलन 6.7 फीसदी का था. यह अन्य अनुमानों से भी कम ही है. अपने-आप में जीडीपी की वृद्धि दर शायद बहुत अधिक...

More »

पर्याप्त सरकारी मदद के जरिये ही पहुंच सकती हैं सभी तक स्वास्थ्य सेवाएं

भारत के विशाल और विविध भू-भागों में रहने वाली आबादी तक समुचित स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराना एक बड़ी चुनौती रही है. इसमें बड़ी कमी सरकारों की रही है, जो अपने कुल बजट का महज एक फीसदी तक हिस्सा ही सार्वजनिक स्वास्थ्य मद में खर्च करती रही है. स्वास्थ्य क्षेत्र के समूच परिदृश्य समेत इससे संबंधित अन्य पहलुओं को इंगित कर रहा है आज का वर्षारंभ ... अनंत कुमार एसोसिएट प्रोफेसर,...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close