अवसाद और तनाव की सौगात देने वाली हमारी शिक्षा व्यवस्था अब वाकई चिंतनीय हालात पैदा कर रही है। इस बाबत हाल ही में संसद में सरकार द्वारा पेश किये गए आंकड़े डराने वाले हैं। इन आंकड़ों के मुताबिक देश में हर साल 8 हजार से ज्यादा छात्र आत्महत्या कर लेते हैं। इतना ही नहीं, सफलता और आगे बढ़ने की ललक और दबाव इतना है कि मनपसंद नौकरी या पेशा न...
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खामियां नहीं सुधरी इसलिए बिगड़ा शिक्षा का स्तर
रायपुर। पिछले सालों में स्कूलों के निरीक्षण के नाम पर अफसरों ने महज खानापूर्ति की है। निरीक्षण के बाद कमियां मिलीं, लेकिन उन पर काम नहीं हुआ। नब्बे फीसदी सी और डी ग्रेड के स्कूलों में पढ़ाई स्तर गिरने की वजह ये भी है। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम शिक्षा गुणवत्ता अभियान के तहत करीब पंद्रह हजार स्कूलों का निरीक्षण करने के बाद मंत्री, विधायक, सांसद और अफसरों ने जो निरीक्षण...
More »देश को सुधारों से आगे सोचना होगा-- आकार पटेल
एक सुपर पावर बनने के लिहाज से भारत के लिए क्या चीजें जरूरी हैं? पहली चीज तो यह है कि उसे एक महाशक्ति यानी ग्रेट पावर होना होगा. अंतरराष्ट्रीय संबंध में इसे एक संप्रभु राष्ट्र के रूप में परिभाषित किया गया है- जिसके पास वैश्विक स्तर पर अपने प्रभाव के प्रयोग की योग्यता होती है. हम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् के पांच स्थायी सदस्यों- अमेरिका, चीन, फ्रांस, रूस और ब्रिटेन-...
More »बाल श्रम, सरकार और समाज-- सुशील कुमार सिंह
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के अनुसार बाल श्रम (प्रतिबंध और नियमन) संशोधन विधेयक-2012 को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी मिल गई है। संभव है कि आने वाले शीत सत्र में इसे संसद के समक्ष पेश किया जाएगा। यह बदलाव 1986 के कानून को न केवल परिमार्जित करने से संबंधित है, बल्कि चौदह से अठारह वर्ष की उम्र के किशोरों के काम को लेकर नई परिभाषा भी गढ़ी जा रही है।...
More »लचर शिक्षा, अयोग्य बच्चे! कौन है इसका जिम्मेदार?-- रुचिर गर्ग
राज्य के मुख्य सचिव विवेक ढांड ने एक कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ में स्कूली शिक्षा के हाल पर अपनी व्यथा खुल कर जाहिर की। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह भी स्कूली शिक्षा की इस बिगड़ी तस्वीर से नाखुश हैं, चिंतित हैं। सरकार के उच्च स्तर से आई इस व्यथा और चिंता से एक बात तो दिखती है कि कम से कम शिक्षा एक ऐसा मसला है जिस पर इस राज्य में विपक्ष...
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