पेटलावद से जितेंद्र यादव। पेटलावद हादसे में 89 निर्दोष लोगों की जान लेने वाले बारूद के पीछे भ्रष्टाचार की एक ऐसी कहानी भी छिपी है जिसके किरदार जिला और जनपद पंचायत के अफसरों से लेकर ग्राम पंचायत के सचिव और सरपंच तक हैं। इस कहानी में ब्लास्टिंग का धंधा करने वाले कांसवा सहित अन्य कारोबारियों का भी सीधा हाथ सामने आ रहा है। झाबुआ जिले में मनरेगा के तहत सरकार की...
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बंजर होते हिमालय की सुध- अनिल प्रकाश जोशी
हिमालय क्षेत्र में पिछले कुछ वर्षों में आई त्रासदियां कई मौंजू सवाल खड़े कर रही हैं। उत्तराखंड का ही उदाहरण लीजिए। इस राज्य ने पिछले चार वर्षों में बहुत कुछ झेला है। करोड़ों रुपये की संपत्तियों का नुकसान और हजारों जानों का खो जाना क्या कोई सामान्य मुद्दा है? इन घटनाओं ने देश-दुनिया को झकझोरा। मगर जल्दी ही बिना दवा के ही घाव भर गए और फिर नए सिरे से...
More »भूजल के अवैध इस्तेमाल पर एनजीटी सख्त
दिल्ली, फरीदाबाद और नोएडा में चल रही निर्माण परियोजनाओं में धड़ल्ले से समरसिबल पम्प लगाकर भूजल का अवैध प्रयोग करने वाले बिल्डरों की अब खैर नहीं है। राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण इन निर्माण गतिविधियों में पानी की खपत, उस क्षेत्र के भूजल की स्थिति और पानी के लिए किए जा रहे खर्च पर रिपोर्ट तलब की है। निर्माण स्थलों पर औचक निरीक्षण करने के लिए एक समिति भी गठित कर दी।...
More »विकास की शर्त है कार्बन कटौती- सीमा जावेद
वारसा में आयोजित यूएनएफसीसीसी के 19वें सत्र नवंबर, 2013 में सभी देशों से पेरिस में होने वाले जलवायु वार्ता सम्मेलन से पूर्व यह बताने का आग्रह किया गया था कि वे बिना किसी कानूनी बाध्यता के कार्बन उत्सर्जन कटौती में कितना अंशदान करेंगे। इसी के मद्देनजर हर देश कार्बन उत्सर्जन में कटौती के अंशदान पर अपनी कार्ययोजना पेश करने की प्रक्रिया में है। संयुक्त राष्ट्र का जलवायु परिवर्तन सम्मेलन, जिसे...
More »जीएसटी की कसौटी पर- पार्थ उपाध्याय
संसद का सत्र लोक-अपेक्षाओं को पूर्ण करने का एक मंच होता है। संवैधानिक उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए ही सरकार संविधान में संशोधन, परिवर्धन और परिवर्तन करती है। विपक्ष भी जन-आकांक्षाओं पर सरकार को काम करने के लिए बाध्य करने का एक माध्यम है। पर कांग्रेस की हठधर्मिता के कारण विपक्ष की यह भूमिका फिलहाल कमजोर हुई दिखती है। लगभग सत्रह हजार नागरिकों ने अपने हस्ताक्षरों के साथ अपील जारी की...
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