लोकतंत्र और लोकतांत्रिक मूल्य के केंद्र में मानवता का विकास छुपा है. लोकतंत्र किसी एक की सत्ता नहीं है, बल्कि इसका अर्थ है सत्ता में सब का योगदान और सभी का विकास. इसलिए जब हालिया सरकार ने सबका साथ सबका विकास की बात की, तो इसे कुछ लोग अलग-अलग सामाजिक ताने-बाने के अनुसार परखने और प्रचारित करने में लगे. लोकतंत्र एक छोटा-सा शब्द भर नहीं है, बल्कि यह एक...
More »SEARCH RESULT
ग्राम सभा में उपस्थित नहीं हुए तो ग्रामीण को मृत घोषित कर दिया
कोतबा/जशपुर। पंचायत के द्वारा ग्राम सभा में उपस्थित नहीं होने पर ग्रामीण को पंचायत ने मृत घोषित कर उसे शासकीय योजनाओं के लाभ से वंचित कर दिया है। सरपंच का कहना है कि ग्राम सभा में उपस्थित न होने के कारण उसे मृत घोषित किया गया। पत्थलगांव विकासखंड के पंचायत मयूरनाचा अंतर्गत ग्राम चौकीदारपारा निवासी नान साय और उसकी पत्नी बसंती उरांव को सिपर्ᆬ इसलिए पंचायत के दस्तावेजों में मृत घोषित...
More »भ्रष्टाचार की गहरी जड़ें-- मोनिका शर्मा
नीति आयोग के सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज की ग्यारहवीं इंडिया करप्शन स्टडी-2017 की रिपोर्ट में सामने आया है कि भ्रष्टाचार का जाल आज भी आम आदमी के लिए मुसीबत बना हुआ है। इस रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल इकतीस फीसद लोगों को स्कूल, अदालत, बैंक या अन्य कामों के लिए दस रुपए से लेकर पचास हजार रुपए तक की रिश्वत देनी पड़ी है। आंकड़े बताते हैं कि 2005 में तिरपन...
More »पूर्ण साक्षरता का सपना -- रिजवान निजामुद्दीन अंसारी
कई देशों ने बीसवीं सदी में ही संपूर्ण साक्षरता के लक्ष्य को पा लिया और अपने समाज में शिक्षा के औसत स्तर को भी ऊपर उठाया। लेकिन भारत अब भी पूर्ण साक्षर नहीं हो सका है। एक तरफ हम ज्ञान आधारित समाज और डिजिटल इंडिया की बात करते हैं, लेकिन इस कड़वी सच्चाई को नजरअंदाज कर जाते हैं कि साक्षरता और शिक्षा के लिहाज से हमारे समाज की तस्वीर कैसी...
More »आधी आबादी के बिना कैसे पूरा हो विकास का सपना
गत महीने फेसबुक द्वारा किये एक सर्वे में यह बात सामने आयी कि भारत में हर पांच में से चार महिलाएं उद्यमी बनने की क्षमता रखती हैं, बशर्ते उनके सशक्तीकरण के प्रयास किये जायें. शोध के मुताबिक यदि अभी से शुरुआत की जाये, तो वर्तमान व्यवसाय और रोजगार के समस्त लक्ष्यों को सिर्फ 52 फीसदी महिलाओं के दम पर ही वर्ष 2021 तक ही पूरा किया जा सकता है. फिर...
More »