मुजफ्फरपुर, जागरण टीम। सरकार की अति महत्वाकांक्षी मध्याह्न भोजन योजना का हाल यह है कि चावल के अभाव में उत्तर बिहार के जिलों के आधा से ज्यादा स्कूलों में मध्याह्न भोजन बन ही नहीं रहा है, बच्चे भूखे घर लौट रहे हैं। पड़ताल से पता चलता है कि व्यवस्था स्कूलों तक चावल पहुंचाने में ही विफल हो चुकी है, खिचड़ी बने तो कैसे? कहीं निविदाएं नहीं निकाली जा सकीं तो कहीं...
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विद्रोह के केंद्र में दिन और रातें
जाने-माने मानवाधिकार कार्यकर्ता और ईपीडब्ल्यू के सलाहकार संपादक गौतम नवलखा तथा स्वीडिश पत्रकार जॉन मिर्डल कुछ समय पहले भारत में माओवाद के प्रभाव वाले इलाकों में गए थे, जिसके दौरान उन्होंने भाकपा माओवादी के महासचिव गणपति से भी मुलाकात की थी. इस यात्रा से लौटने के बाद गौतम ने यह लंबा आलेख लिखा है, जिसमें वे न सिर्फ ऑपरेशन ग्रीन हंट के निहितार्थों की गहराई से पड़ताल करते हैं, बल्कि माओवादी...
More »छह हजार पौधों की बलि लेकर बन रहा शौर्य स्मारक
भोपाल। तीन साल तक जिन पौधों को राजधानी परियोजना प्रशासन ने स्पेशल पाइप लाइन बिछाकर व टैंकरों की पानी से सींचा, अब उन्हीं छह हजार पौधों की बलि लेकर शौर्य स्मारक का निर्माण किया जा रहा है। राजधानी परियोजना प्रशासन की कारगुजारियां किसी से छिपी नहीं है। यहां सड़क निर्माण व अन्य योजनाओं के नाम पर कितनी राशि बहाई जाती है, उसका अंदाजा शौर्य स्मारक से भी लगाया जा...
More »महिला श्रमिकों की पीड़ा
नई दिल्ली [प्रदीप कुमार मील]। एक अनुमान के मुताबिक विश्व के कुल काम के घटों में से महिलाएं दो तिहाई घटे काम करती हैं, लेकिन वह केवल 10 फीसदी आय ही अर्जित करती हैं और विश्व की केवल एक फीसदी संपत्ति की ही मालकिन हैं। भारतीय संदर्भ में महिला श्रम या श्रम में महिलाओं की भागीदारी पर बात करते समय पिछले कुछ वर्षो में तीन विषेष तथ्य सामनें आतें...
More »लापता तालाब उर्फ जिला नुआपाड़ा-- पुरुषोत्तम सिंह ठाकुर, खरियार, ओडिशा से
अगर आपसे कहा जाये कि किसी गांव के तालाब गायब हो गये तो शायद आप यकीन न करें. लेकिन नुआपाड़ा जिले के बिरीघाट पंचायत के झारसरम में ऐसा ही हुआ है. सरकारी दस्तावेज बताते हैं कि गांव में दो साल पहले 1 तालाब खोदा गया है लेकिन गांव के लोग हैरान हैं कि आखिर ये तालाब हैं कहां ? इन दिनों इस तालाब की तलाश चल रही थी. दो साल पहले...
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