रायपुर। प्रदेश में लगातार दूसरे दिन भी बारिश हुई है। इससे तापमान में कमी आई है। दो दिन में रायपुर का पारा 10 डिग्री गिरा है। सोमवार को दुर्ग भिलाई, राजनांदगांव, अबिकापुर सहित आधा दर्जन से ज्यादा शहरों में बारिश के साथ ओले पड़े हैं, जिससे चना और गेहूं की फसलों को नुकसान होने की आशंका है। मौसम विभाग ने आगामी चौबीस घंटे में अंधड़ के साथ ओले गिरने की चेतावनी...
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यूरोप के वृक्षों से गर्म हो रही धरती!
यह आम धारणा है कि वृक्ष धरती को ठंडा बनाये रखते हैं. साथ ही ये धरती के वायुमंडल में पैदा होनेवाली कार्बन डाइऑक्साइड को भी सोखते हैं. वृक्षों की पत्तियां, डालियां, तने आदि मिल कर सालाना करीब 2.4 बिलियन मीट्रिक टन कार्बन को सोखती हैं. लेकिन एक नये शोध अध्ययन में पाया गया है कि सभी वृक्ष यह काम नहीं करते और कुछ वृक्ष ऐसे हैं, जो धरती को ठंडा...
More »सूखे की मार से मवेशी भी बेजार-- पंकज चतुर्वेदी
भीषण सूखे से बेहाल बुंदेलखंड का एक जिला है छतरपुर। यहां सरकारी रिकॉर्ड में 10 लाख 32 हजार चौपाए दर्ज हैं, जिनमें से सात लाख से ज्यादा तो गाय-भैंस ही हैं। तीन लाख के लगभग बकरियां हैं। चूंकि बारिश न होने के कारण कहीं घास बची नहीं है, सो अनुमान है कि इन मवेशियों के लिए हर महीने 67 लाख टन भूसे की जरूरत है। इनके लिए पीने के पानी...
More »अभी से बचाइए बूंद-बूंद पानी...
रायपुर। छत्तीसगढ़ के लोगों को अभी से ही बूंद-बूंद पानी बचाने की जरूरत है। वजह यह है कि राज्य के अधिकतर बड़े बांध और जलाशय आधे से ज्यादा खाली हो चुके हैं। आने वाले महीने फरवरी से लेकर जून के पहले पखवाड़े तक सतह का जल स्तर बढ़ने की कोई संभावना नहीं है। प्रदेश में औसतन 1150 मिमी बारिश होती है, लेकिन इस साल औसत से 15 फीसदी कम बारिश हुुई...
More »अहम साल रहा 2015, घातक पर्यावरणीय बदलावों के लिहाज से
बीता वर्ष 2015 अब तक का सबसे गर्म साल रहा है. हालांकि, पिछले करीब एक दशक में कई वर्ष ऐसे रहे हैं, जो उस समय तक सबसे गर्म साल के रूप में आंके गये, लेकिन वर्ष 2015 को इसलिए भी अहम माना जा रहा है, क्योंकि क्लाइमेट चेंज के लिहाज से विशेषज्ञों ने इसे 'टिपिंग प्वाइंट' करार दिया है. क्या इंगित करता है यह टिपिंग प्वाइंट, क्यों जतायी जा रही...
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