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बिहार: श्रमिक ट्रेन से उतर ट्रक में चढ़े थे मज़दूर, ट्रक की बस से टक्कर में नौ लोगों की मौत

-द वायर, कोरोना वायरस से सुरक्षा के मद्देनजर देशभर में हुए लॉकडाउन के बीच प्रवासी मजदूर लगातार सड़क दुर्घटनाओं का शिकार हो रहे हैं. ताजा मामला बिहार के भागलपुर जिले का है. भागलपुर जिले के नवगछिया कस्बे में मंगलवार सुबह एक ट्रक की बस से टक्कर हो गई, जिसमें नौ प्रवासी मजदूरों की मौत हो गई. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इस ट्रक में 15 प्रवासी मजदूर थे, जो बेंगलुरु से आ...

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गन्ना किसानों की मुश्किलें बढ़ा रहा 'अमेरिकी फॉल आर्मीवर्म' कीट

-गांव कनेक्शन, किसानों की मुश्किलें कम नहीं हो रहीं हैं, लॉकडाउन और ओला, बारिश से किसान पहले से ही परेशान थे, अब किसानों के सामने नई मुसीबत आ गई। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में गन्ने की फसल को फॉल आर्मीवर्म नुकसान पहुंचा रहे हैं। तीन साल पहले अफ्रीका में मक्के की फसल बर्बाद करने वाला फॉल आर्मीवर्म भारत के कई राज्यों में पहुंच चुका है, अगर समय रहते इसका...

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मोदी के 20 लाख करोड़ के पैकेज से मर रहे ग़रीब मज़दूरों का कितना भला होगा?

-बीबीसी, आप चाहें तो गिलास को आधा भरा देख सकते हैं और चाहें तो आधा ख़ाली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मंगलवार रात का राष्ट्र के नाम संदेश भी ऐसा ही है. आप चाहें तो ये देख सकते हैं कि उन्होंने बीस लाख करोड़ रुपए का पैकेज लाने का एलान कर दिया. हताश, निराश और एक अभूतपूर्व संकट से जूझते देश को एक नया नारा दिया कि इस संकट को कैसे मौक़े में...

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दिल्ली : कोरोना वायरस से पीड़ित सेना के जवान ने आत्महत्या की

-सत्याग्रह,  दिल्ली के एक अस्पताल में मंगलवार को कोरोना वायरस से पीड़ित सेना के एक जवान ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. दिल्ली पुलिस के मुताबिक उसे मंगलवार सुबह करीब चार बजे सूचना मिली कि बेस अस्पताल में कोरोनो के किसी मरीज़ ने आत्महत्या कर ली है. पुलिस मौके पर पहुंची तो पाया कि कोरोना वार्ड के पीछे एक पेड़ पर किसी ने रस्सी के जरिये फांसी लगायी है. मृतक जवान की...

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महान दार्शनिक जिद्दू कृष्णमूर्ति राष्ट्रवाद और धर्म को मनुष्यता के लिए खतरा क्यों मानते थे?

-सत्याग्रह, अंग्रेजी के मशहूर साहित्यकार टीएस इलियट ने भारतीय दार्शनिकों के बारे में कहा था, ‘महान भारतीय दार्शनिकों के सामने पश्चिम के दार्शनिक किसी स्कूल के बच्चों की मानिंद नज़र आते हैं.’ यह बात अगर बीती सदी पर लागू करें तो जिद्दू कृष्णमूर्ति बिलकुल इसी कड़ी का हिस्सा लगते हैं. हां, यह अलग बात है कि वे ‘राष्ट्रीय पहचान’ को नकारते थे! कृष्णमूर्ति ने जिस तरह स्थापित परंपराओं को किनारे कर...

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