क्या किसी देश का एचडीआर रिपोर्ट सालों से चली आ रही महंगाई और महंगाई की बढ़वार की तुलना में आमदनी की बढ़वार का जिक्र किए बगैर इस फैसले पर पहुंच सकता है कि देश में गरीबों की संख्या घटी है क्योंकि प्रतिव्यक्ति आमदनी के बढ़ने से लोगों की क्रयशक्ति बढ़ी है और वे भोजन,सेहत,शिक्षा सहित रोजमर्रा की बाकी जरुरतों पर पहले की तुलना में ज्यादा खर्च कर रहे हैं ? एक ऐसे वक्त में जब...
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पैसा और अनैतिकता- एम जे अकबर
शीशे की एक दीवार को तोड़ने के लिए कितने गुस्से की दरकार होती है? पश्चिमी लोकतंत्र में शीशे की दीवार महिला अधिकारों के संघर्ष के दौरान पक्षपात के प्रतीक में तब्दील हो गयी. महिलाएं 1970 तक एक बने बनाए ढर्रे से बाहर निकल मुख्यधारा में शामिल तो जरूर हुईं, लेकिन वहां से आगे बढ़ने का रास्ता नहीं खुलता था. यह अदृश्य दीवार उन्हें बोर्ड रूम में दाखिल होने से रोकती...
More »मुश्किल है गरीबों की पहचान? : हर्ष मंदर
यदि आप किसी गांव में जाएं और ग्रामीणों से पूछें कि यहां रहने वाले लोगों में से कौन गरीब हैं, तो उनके लिए इस सवाल का जवाब देना कठिन नहीं होगा। शायद वे किसी दृष्टिहीन विधवा का नाम बताएं, या किसी बुजुर्ग दंपती की ओर इशारा करें, जो भीख मांगकर पेट भरते हैं, या कर्ज के बोझ तले दबे किन्हीं किसानों का उल्लेख करें। वे गरीबों की अपनी सूची में पिछड़ी जाति के...
More »गरीबी और अमीरी का पैमाना : हर्ष मंदर
मई की एक तपती हुई दोपहर को मैं नई दिल्ली में योजना आयोग भवन के सामने एक विचित्र विरोध प्रदर्शन में सम्मिलित हुआ था। प्रदर्शनकारी तख्तियां लहरा रहे थे, जोशोखरोश से नारे लगा रहे थे, लेकिन साथ ही वे देश की शीर्ष योजना निर्मात्री संस्था के सदस्यों के लिए कुछ ‘भेंट’ भी लेकर आए थे। उनकी भेंट ठुकरा दी गईं और प्रदर्शनकारियों की भीड़ को पुलिस ने मामूली झड़प के बाद...
More »बीमार व्यवस्था में पिसते गरीब-- सुभाष चंद्र कुशवाहा
आज शिक्षा और स्वास्थ्य के व्यावसायीकरण के चलते गरीबों का जीना दूभर होता जा रहा है। आए दिन महंगी शिक्षा का खर्च वहन न कर पाने के कारण गरीब छात्र व्यावसायिक शिक्षा से वंचित हो रहे हैं और हताशा में खुदकुशी कर रहे हैं। इसी तरह अस्पतालों का खर्च न उठा पाने के चलते गरीब असमय मरने को मजबूर हो रहे हैं। दुखद है कि आम लोगों को शिक्षा और...
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