दिल्ली. अवैध निर्माण का गढ़ बन चुकी राजधानी दिल्ली के लक्ष्मीनगर इलाके में पांच मंजिला इमारत ढहने से मरने वालों की संख्या 64 पहुंच गई है। 80 लोग जख्मी हैं। कई लोगों को अब भी मलबे से निकाला नहीं जा सका है। सरकार ने सारा दोष एमसीडी और बिल्डर पर मढ़ कर पल्ला झाड़ने की कोशिश की है। घटना के करीब 12 घंटे बाद, मंगलवार को दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित घटनास्थल पर पहुंचीं। वहां उन्होंने लोगों...
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किशनजी के मरने की खबर नक्सलियों की चाल!
जमशेदपुर/ नई दिल्ली. झारखंड पुलिस का मानना है कि किशनजी के मरने की खबर नक्सलियों की चाल हो सकती है ताकि उनके खिलाफ सुरक्षा बलों का दबाव कम हो जाए। पश्चिम बंगाल में शुक्रवार को जब्त पोस्टरों में किशनजी की मौत होने के संकेत दिए गए हैं। डीआईजी (कोल्हान) नवीन कुमार सिंह ने कहा, ‘मैं इस बात की संभावना से इनकार नहीं कर सकता कि ऑपरेशन से ध्यान भटकाने के लिए...
More »मनरेगा में न्यूनतम मजदूरी का गड़बड़झाला
क्या मनरेगा को जस का तस छोड़ा जा सकता है? मनरेगा के मामले में नागरिक-संगठन आखिर इतना हल्ला किस बात पर मचा रहे हैं? क्या ग्रामीण इलाके के सामाजिक कार्यकर्ता बहुत ज्यादा की मांग कर रहे हैं? क्या यूपीए- II वह सारा कुछ वापस लेने पर तुली है जो यूपीए- I ने चुनावों से पहले दिया था? चुनौती सामने है, मनरेगा गहरे संकट में है। अरुणा राय और ज्यां द्रेज सरीखे...
More »अनाज भंडारण की गहराती समस्या
भारतीय खाद्य निगम अब अनाज को सड़ने से बचाने के लिए विदेशी कम्पनी मोर्गन स्टेनली की मदद लेने जा रहा है। मोटे तौर पर यह कम्पनी भारतीय खाद्य निगम को यह सिखाएगी कि अनाजों की खरीद, ढ़ुलाई और बफर स्टॉक की मात्रा तय करने से लेकर उसके रख-रखाव और वितरण की व्यवस्था को कैसे चुस्त-दुरुस्त रखा जा सकता है। पिछले कुछ सालों से अनाज के उचित भंडारण के अभाव में खुले...
More »किसान-सरकार साझेदारी का मॉडल
भू-अर्जन कानून 1894 में मामूली सा संशोधन कर ग्रामसभा की भूमि का उपयोग बदले जाने के बावजूद भारत के गांवों के किसानों एवं भूमिहीनों के वंशजों का भविष्य सुनिश्चित किया जा सकता है। इस संशोधन का नाम सक्रिय समूहों ने किसान-सरकार साझेदारी तय किया है। अगस्त में उत्तर प्रदेश के जिरकपुर हुए किसान आंदोलन के बाद विभिन्न राजनीतिक पार्टियों ने एक स्वर में भू-अर्जन कानून 1894 में संशोधन की मांग की थी। मामला...
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