आकाश सिंह राठौड़ दार्शनिक हैं, जिन्होंने भारतीय राजनीतिक विचार, न्यायशास्त्र, मानव अधिकारों और दलित नारीवादी सिद्धांत के दर्शन पर काम किया है. राठौड़ ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय, बर्लिन विश्वविद्यालय और न्यू जर्सी स्टेट यूनिवर्सिटी में अध्यापन किया है. फिलहाल वह रोम (इटली) के लुइस विश्वविद्यालय से संबद्ध एथोस नामक थिंक टैंक से जुड़े हैं. वह रीथिंकिंग इंडिया श्रृंखला के संपादक हैं जो 14 संस्करणों का एक संग्रह है....
More »SEARCH RESULT
मातृ मृत्यु को कम करने का लक्ष्य अभी दूर है
भारत में मातृ मृत्यु को कम करने का लक्ष्य अब भी बहुत दूर है। उच्च मातृ मृत्यु अनुपात महिलाओं की खराब प्रसव स्वास्थ्य सुविधाओं के अलावा समाज में उनकी भयावह स्थिति को भी दर्शाता है। सैम्पल रजिस्ट्रेशन सिस्टम के ताजा जारी आंकडे बताते हैं कि मातृ मृत्यु अनुपात में तेजी से गिरावट आई है। मातृ मृत्यु अनुपात जहां साल 1997-98 में 398.0 था, वहीं वर्ष 2015-17 में ये आंकड़ा 122.0...
More »जामिया: हर छात्र के पास है पुलिस की बेरहमी की एक कहानी
रविवार शाम सात बजे जब हम आश्रम से जामिया मिल्लिया इस्लामिया के बीच लगभग तीन किलोमीटर की दूरी पैदल चलकर तय कर रहे थे तब रास्ते में हमें ऐसे कई निशान दिखे जो बताते थे कि यहां कुछ बहुत बुरा घटा है. सड़कों पर बिखरे हुए कांच के टुकड़े, ईंट-पत्थर, दिल्ली परिवहन निगम की जली-अधजली बसें, टूटे दोपहिया वाहन पूरे रास्ते में फैले थे. कुछ को प्रशासन द्वारा रास्ते से...
More »नागरिकता संशोधन विधेयक क्या संविधान के प्रावधानों का उल्लंघन है?
सोमवार को नागरिकता संशोधन विधेयक, 2019 जब लोकसभा में पेश किया गया तो सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने ये कहते हुए इसका विरोध किया कि ये विधेयक भारतीय संविधान के अनुच्छेद 5, 10, 14 और 15 की मूल भावना का उल्लंघन करता है. कई राजनीतिक और सामाजिक तबके इस विधेयक को विवादित मान रहे हैं. जिसमें बांग्लादेश, अफ़गानिस्तान और पाकिस्तान के छह अल्पसंख्यक समुदायों (हिंदू, बौद्ध, जैन,...
More »भोपाल गैस त्रासदी: 35 साल बाद भी नहीं मिल पाया पीड़ितों को इंसाफ़ और मुआवजा
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री की गैस त्रासदी को 35 बरस हो गए और आज तक पीड़ितों को पूरी तरह मुआवजा तक नहीं मिल पाया है. वहीं, जहरीली गैस की शिकार हुई नई पीढ़ी इस मुआवजे के आकलन में ही शामिल नहीं है. गैर सरकारी संस्थान भोपाल ग्रुप फॉर इन्फॉरमेशन एंड एक्शन की सदस्य रचना धिंगरा ने बताया कि सूचना के अधिकार से यह स्पष्ट हुआ है...
More »