जनसत्ता 7 मार्च, 2013: सोनिया गांधी की अगुआई में बनी राष्ट्रीय सलाहकार परिषद ने पिछले दिनों अनुसूचित जाति और जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 को अधिक सशक्त बनाने के मकसद से सरकार के सामने अपनी सिफारिशें पेश कीं। दलितों और आदिवासियों पर सामाजिक बहिष्कार लागू करना, साझे संसाधनों के उनके इस्तेमाल पर रोक लगाना, मंदिरों में उनके प्रवेश को प्रतिबंधित करना जैसे मसलों पर कानूनी कार्रवाई करने का सुझाव इन सिफारिशों...
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क्या विरोध का ढंग बदल सकता है- गिरिराज किशोर
जनसत्ता 5 मार्च, 2013: इक्कीस-बाईस फरवरी का भारत-बंद लगभग सफल हुआ। उसके लिए श्रमिक संगठनों को बधाई। लेकिन इस महाबंद ने मन में कई सवाल उठा दिए। बंद होते रहते हैं। दो मुख्य तर्क इनके पीछे हैं। एक, मजदूरों या कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा, और दूसरा, अपने अधिकारों की शांतिपूर्ण और सामूहिक अभिव्यक्ति। दोनों बातें अपनी जगह सही हैं। मजदूर के अधिकार का संरक्षण होना जरूरी है। लेकिन असंगठित मजदूर...
More »दाम आसमान पर, मगर महंगाई दर में गिरावट
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। आम आदमी की रसोई से जुड़े उत्पादों के दाम भले बाजार में आसमान छू रहे हैं, लेकिन सरकारी आंकड़ों में लगातार चौथे महीने महंगाई की दर में कमी दर्ज की गई है। थोक मूल्यों वाली महंगाई की दर जनवरी में घटकर 6.62 प्रतिशत पर आ गई है। वहीं, प्याज और आलू समेत खाने-पीने की सभी जरूरी चीजों के दामों में तेजी बनी हुई है। थोक मूल्यों पर...
More »नकद पैसे का खेल- बनवारी
जनसत्ता 14 फरवरी, 2013: मनमोहन सिंह सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि गरीबी एक आर्थिक और राजनीतिक समस्या के बजाय अब केवल वित्तीय समस्या रह गई है। केंद्र सरकार की प्राथमिक चिंता अब न बेरोजगारी है, न महंगाई। देश की इन दो सबसे बड़ी समस्याओं से मुंह चुराने का उसने एक आसान उपाय निकाल लिया है। देश के गरीब लोगों के हाथ में दमड़ी रख दो; इससे सरकार के कल्याणकारी...
More »दलहन और तिलहन की पैदावार बढ़ाना जरूरी : पवार
बढ़ते आयात बिल में कमी करने के लिए देश में दलहन और तिलहनों की पैदावार बढ़ाना जरूरी है। सालाना घरेलू आवश्यकता की पूर्ति के लिए हमें करीब 50 फीसदी खाद्य तेलों का आयात करना पड़ता है जबकि देश में हर साल 30 से 35 लाख टन दालों का आयात होता है। घरेलू बीज कंपनियों के...
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