जहां एक तरफ प्याज के दाम आसमान छू रहे हैं वहीं लहसुन के भाव में भारी कमी आई है। थोक मंडी में हालात यह हैं कि किसानों से पचास पैसे से दो रूपये प्रति किलो में भी कोई लहसुन खरीदने को तैयार नहीं है। पिछले साल इसी माह में लहसुन के दाम 50-60 रूपये प्रति किलो थे जबकि इस साल लहसुन का 40 किलो का कट्टा केवल 20 रूपये में भी...
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यूपी में नई चीनी मिलों की राह नहीं आसान
अवनीश त्यागी, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों को राहत पहुंचाने के लिए तैयार नई चीनी नीति निवेशकों को लुभा पाएगी, इसे लेकर शंका जताई जा रही है। मिलों के लिए पेराई को पर्याप्त गन्ने की उपलब्धता और गुणवत्ता पर सवाल उठाए जा रहे हैं। वहीं, गन्ना किसानों की सियासत के उलझाव भी परेशानी का सबब हैं। नई नीति के तहत 24 जिलों में चीनी मिलों के निर्माण के लिए खास...
More »छोटे किसानों में बढ़ाया जाएगा मशीनों का चलन
नई दिल्ली [सुरेंद्र प्रसाद सिंह]। दूसरी हरित क्रांति को सफल बनाने के लिए फसलों की उत्पादकता बढ़ाना और उत्पाद को खेत से खलिहान तक सुरक्षित पहुंचाना जरूरी हो गया है। इस सिलसिले में सरकार खेती में मशीनों के उपयोग को बढ़ावा देने पर विचार कर रही है। इसके लिए एक मिशन शुरू करने की तैयारी है। इसमें छोटी जोत वाले किसानों को स्वयं सहायता समूहों के जरिये खेती में मशीनों का...
More »समझदारी का मोतियाबिंद
जनसत्ता 4 फरवरी, 2013: गार्गा चटर्जी इस घड़ी आशीष नंदी होना आफत को गले लगाना है। तकनीक के इस ताबड़तोड़ दौर में जहां बोले गए शब्द ध्वनि की रफ्तार को पछाड़ रहे हों, उनका अर्थ पीछे छूटता जा रहा, तो यह देख कर जरा भी अचरज नहीं होता कि साहित्य के एक समारोह में आशीष नंदी के ‘जातिसूचक’ शब्दों को कुछ विवाद प्रेमी लोग लपक लें। असल में सांप्रदायिकता के छद्म विरोध...
More »आधार कार्ड यानी धोखे का आधार - सचिन कुमार जैन
आधार यानी विशेष पहचान के आधार को समझिए। लोगों को पहचान देने के नाम शुरू हुआ प्रयास महज 3 साल में ही लोगों के लिए विकास से बहिष्कार और योजनाओं से बेदखली का कारण बनने लगा। इसका मकसद सरकार के गरीबों पर किए जाने वाले खर्च को कम करना बन गया है और दूसरा मकसद है समुदाय को नकद धन देना ताकि वे बाज़ार को फायदे रोशन करें। जनवरी 2009...
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