नयी दिल्ली : वाणिज्यिक खनन के लिये कोयला क्षेत्र खोलने के अपने निर्णय पर कदम बढाते हुए सरकार ने केंद्रीय तथा राज्य सार्वजनिक उपक्रमों को कोयले के उत्पादन एवं बिक्री हेतु आबंटन को लेकर 15 ब्लाकों को चिन्हित किया है. इस आबंटन के साथ खनन एवं कोयले की बिक्री पर केंद्र का एकाधिकार समाप्त हो जाएगा. एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, ‘‘राज्य एवं केंद्रीय उपक्रमों को वाणिज्यिक खनन के...
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अप्रैल से पांच कृषि मंडी में घर बैठे बोली लगाएंगे व्यापारी
रायपुर (निप्र)। किसानों को अनाज का ज्यादा दाम मिले, इसलिए प्रदेश की 5 बड़ी मंडियों में ऑनलाइन बोली लगेगी। इसके लिए तैयारियां भी शुरू हो चुकी हैं। भारत सरकार के लघु व्यापार कृषि संगठन द्वारा तैयार की जा रही सॉफ्टवेयर की टीम पिछले दिनों यहां से सर्वे कर लौटी है। उम्मीद है कि अप्रैल तक इस सॉफ्टवेयर से ई-ट्रेडिंग के तहत अनाजों की बोली शुरू हो जाएगी। पहले चरण में...
More »कितने स्मार्ट हो पायेंगे हमारे शहर-- नारायण कृष्णमूर्ति
टेक्नोलॉजी, खासकर इंटरनेट ने हमारे कामकाज का रवैया बदल दिया है। अब घर बैठे स्मार्ट ग्रिड के जरिये निर्बाध इंटरनेट, गैस, बिजली और पानी प्राप्त करने की कल्पना सपना नहीं है। इस लिहाज से स्मार्ट सिटी का स्वागत करना चाहिए, जहां हर कोई एक-दूसरे से जुड़ा रहेगा और तमाम नागरिक सुविधाएं हासिल कर पाएगा। सोच यह है कि इन स्मार्ट नगरों को ऐसे बनाया जाए कि वे शिक्षा, रोजगार और...
More »हमारा सपना है मुस्कराते हुए शहर - वेंकैया नायडू
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा साल 2014 में पहली बार स्मार्ट सिटी का जिक्र करने के बाद से ही देश में इसको लेकर उत्साह रहा है। उन्होंने तब इसे देश के कायाकल्प का जरिया बताया था। इसके जरिए वह हर वर्ग के लोगों के जीवन में गुणात्मक सुधार लाकर देश के शहरों और कस्बों को आर्थिक गतिविधियों का केंद्र बनाना चाहते हैं। स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित शहर दूसरे शहरों...
More »रघुराम राजन की टिप्पणी के बाद जीडीपी पर कोहराम
किसी भी देश के सकल घरेलू उत्पादन (जीडीपी) का निर्धारण एक जटिल अर्थशास्त्रीय प्रक्रिया होती है. इसमें अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र के उपलब्ध आंकड़ों, मुद्रास्फीति तथा आधार वर्ष के आंकड़ों के समायोजन से कुल उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं के मूल्य तय किये जाते हैं. पिछले साल भारत सरकार ने जीडीपी के आकलन की प्रक्रिया में बड़ा फेरबदल किया, जिसे लेकर उद्योग जगत, अर्थशास्त्रियों और नीति-निर्धारकों में चर्चा चल रही है....
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