हाल ही में किया गया सर्वेक्षण COVID-19 लॉकडाउन की घोषणा के लगभग 45 दिनों के बाद श्रमिकों की अनिश्चित स्थितियों का खुलासा करता है. इस सर्वे में दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, असम, राजस्थान और झारखंड राज्यों के 1,405 प्रवासियों से टेलीफोनिक साक्षात्कार के माध्यम से बातचीत कर अनिश्चित स्थितियों का आकलन किया गया था. ‘लेबरिंग लाइव्स: हंगर, प्रीकरिटी एंड डेसपेयर एमिड लॉकडाउन’ नामक इस रिपोर्ट में लॉकडाउन के 45 दिन...
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दिल्लीः एचएएचसी अस्पताल ने 84 नर्सों को बिना नोटिस दिए नौकरी से निकाला
-द वायर, दिल्ली के हकीम अब्दुल हमीद सेंटेनरी अस्पताल (एचएएचसी) ने बिना कोई कारण बताए अस्पताल की 84 नर्सों को नौकरी से हटा दिया है. अस्पताल के इस फैसले के विरोध में नर्स प्रदर्शन कर रही हैं. इस संबंध में इंडियन प्रोफेशनल नर्सेज एसोसिएशन ने एचएएचसी अस्पताल के मेडिकल अधीक्षक डॉ. सुनील कोहली को पत्र लिखा है. अस्पताल प्रशासन की ओर से नौकरी से निकाली गईं इन 84 नर्सों में से एक कोरोना...
More »33 लाख साल में तुलना में 2025 तक बहुत अधिक होगा कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर
-डाउन टू अर्थ, कोरोनावायरस संक्रमण के दौरान दुनिया भर में सीओ2 के उत्सर्जन में कमी आने का दावा किया गया। इस दौरान दुनिया भर में ऊर्जा की मांग में व्यापक बदलाव हुआ। कई अंतरराष्ट्रीय सीमाएं बंद हो गईं और लॉकडाउन के कारण लोग अपने घरों तक सीमित हो गए। जिससे यातायात कम हो गया, उद्योग धंधों पर भी इसका प्रभाव पड़ा, जिससे खपत पैटर्न में भी बदलाव आया। लेकिन यह एक...
More »कोरोना वायरस: उत्तर प्रदेश में 55 घंटे के 'लॉकडाउन' के क्या हैं मायने, क्या बंद और क्या खुला रहेगा?
-बीबीसी, भारत में सबसे अधिक आबादी वाले उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव आरके तिवारी का कहना है कि शुक्रवार की रात से सोमवार सुबह तक प्रदेश में लागू किए जाने वाला प्रतिबंध 'लॉकडाउन' नहीं है. उनके अनुसार ये 'सिर्फ़ रेस्ट्रिक्शन' हैं या यूँ कहा जाये कि एहतियात के तौर पर उठाया गया क़दम हैं, जिससे ना सिर्फ़ कोरोना वायरस, बल्कि डेंगू, कालाज़ार, इन्सेफ़ेलाइटिस और मलेरिया जैसे रोगों के संक्रमण को फैलने से...
More »एक नागरिक के तौर पर प्रवासी
-न्यूजक्लिक, हम अपने देश के इतिहास में सबसे डरावनी घटना के गवाह बने हैं। इस डरावनी घटना को एक राज्य से दूसरे राज्यों में अपने घरों में वापस लौटते मज़दूरों के दृश्य बयां कर रहे हैं। अनुमान है कि लॉकडाउन के चलते 2,71,000 फैक्ट्रियों और साढ़े छ: से सात करोड़ लघु और सूक्ष्म धंधे रुक गए, जिसके चलते करीब़ 11 करोड़ चालीस लाख नौकरियां चली गईं। इसमें 9 करोड़ 10 लाख...
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