जब-तब कोई नया शब्द या पद बातचीत में चल पड़ता है। आठ नवंबर 2016 को विमुद्रीकरण शब्द का चलन शुरू हुआ। ऐसा चित्रित किया गया जैसे जंगी घोड़े पर सवार कोई सेनापति काला धन, भ्रष्टाचार और नकली मुद्रा रूपी राक्षसों का वध करने निकला है।छह हफ्तों बाद भी काले धन के दैत्य का कुछ नहीं बिगड़ा है। टैक्स चोरी करने वाले नोटबंदी से अविचलित जान पड़ते हैं; वे नए नोटों...
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विद्रूप का शिक्षाशास्त्र-- शचीन्द्र आर्य
हम जिस दौर से गुजर रहे हैं, उसकी पहचान करने वाले कौन-कौन से औजार हमारे पास हैं! हमें एक बार फिर उन्हें दुरुस्त कर लेना होगा। हमें पता होना चाहिए कि हमारे साथ क्या हो रहा है! जो हो रहा है, वह इस पृथ्वी के किसी खास भौगोलिक खंड में एक नाम से पुकारे जाने वाले सामाजिक, ऐतिहासिक, सांस्कृतिक निर्मिति के भीतर निर्मित होते एक देश में कैसे उसी आकार...
More »बिहार के किसानों की आय सबसे कम, पंजाब अव्वल
देश में किसानों की दयनीय हालत किसी से छिपी नहीं है और अब इसकी तसदीक राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय के आंकड़ों से भी हो गई है। सर्वेक्षण के मुताबिक किसानों की मासिक आय 6,426 रुपये आंकी गई है, जबकि प्रत्येक किसान औसतन 47,000 रुपये का कर्जदार है। इनमें भी कृषि प्रधान बिहार की स्थिति और भी दयनीय है। यहां के किसानों की मासिक आय मात्र 3,558 रुपये है, जबकि पंजाब...
More »साल भर में 40% बढ़े किसानों की खुदकुशी के मामले, कर्नाटक ने चौंकाया
देश में 2014 और 2015 में किसानों की खुदकुशी के मामले में 40 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है। सरकारी सूत्रों के अनुसार, 2014 में 5650 और 2015 में 8000 से अधिक मामले सामने आए। एक अंग्रेजी समाचार पत्र में छपी खबर के अनुसार, सूत्रों का कहना है कि महाराष्ट्र में किसानों की खुदकुशी के मामले सबसे अधिक हैं, यहां कमी नहीं आ रही है। 2014 से 2015 के बीच राज्य में...
More »नई रिपोर्ट का नया नुस्खा- ऐसे बढ़ेगी किसानों की आमदनी..
खेत को पट्टे पर देने के पुराने नियम-कानून बदलिए और देश के ज्यादातर किसान-परिवारों को आमदनी अठन्नी-खर्चा रुपया की हालत से उबारिए. यह सुझाव दिया गया है कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की एक हालिया रिपोर्ट में.(देखें नीचे की लिंक) देश की जीडीपी में कृषि के घटते योगदान और घाटे का सौदा मानकर खेती छोड़ते किसानों की समस्या के समाधान के लिए रिपोर्ट में एनडीए सरकार के मॉडल लैंड लीजिंग एक्ट-2016 के...
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