वित्त मंत्री ने मन बनाया है कि लाभार्थी को सब्सिडी नगद रूप में दी जाए. वित्त मंत्री के मंतव्य का स्वागत किया जाना चाहिए. गरीब के नाम पर उच्चवर्ग और कंपनियों को पोषित करना उचित नहीं. हमारे धर्मग्रंथों में भी गरीब को नगद देने की बात कही गयी है. सरकार द्वारा डीजल, यूरिया, खाद्यान्न आदि पर सब्सिडी दी जा रही है. आम आदमी समझता है कि इससे उसे राहत मिल रही...
More »SEARCH RESULT
जमीन का कार्बन हवा में चला गया है
पटना, जागरण ब्यूरो: 'जैविक बिहार' विषय पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में बुधवार को नई हरित क्रान्ति की प्रासंगिकता खाद्य सुरक्षा और समेकित विकास के व्यापक संदर्भो में रेखांकित की गयी। वैज्ञानिकों ने मिट्टी की सेहत और संतुलन में कमी, जीवांश खत्म होते जाने, जमीन का कार्बन हवा में चले जाने और अंधाधुंध रसायनों के प्रयोग से मानव जीवन पर बढ़ रहे खतरे को लेकर गहरी चिन्ता जताई। पर्यावरण एक्टिविस्ट वंदना...
More »असंतोष से सुधारों की ओर : डॉ महेश रंगाराजन
सिविल सोसायटी और यूपीए सरकार के बीच लोकपाल बिल पर चला आ रहा गतिरोध एक तरह से समाप्त हो गया है। दोनों पक्ष अपनी-अपनी असहमतियों पर सहमत हैं। दोनों ही जल्द से जल्द लोकपाल चाहते हैं, लेकिन नई व्यवस्था बनाने की प्रक्रियाओं के बारे में वे एकमत नहीं हो सकते। हकीकत यह है कि दोनों ही पक्ष मानते हैं कि वे लड़ाई जीत चुके हैं। बाबा रामदेव ने अपने आंदोलन के...
More »इतिहास के आईने में किसान आंदोलन-- योगेंद्र यादव
इधर राहुल गांधी का भट्टा-परसौल में आना हुआ तो उधर चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत का जाना. पहली नजर में इन दोनों घटनाओं का आगे-पीछे होना विशुद्ध संयोग है. लेकिन जरा गौर से देखें तो इस संयोग में गहरे निहितार्थ छिपे दिखाई देते हैं. यहां किसान आंदोलन के भूत, वर्तमान और भविष्य को जोड़ने वाले कुछ तार बिखरे पड़े हैं. राहुल गांधी का आना किसान आंदोलन की तात्कालिक विजय का प्रतीक...
More »आम बजट 2011-12: खास-खास बातें
नई दिल्ली। देश की अर्थव्यवस्था के वैश्विक आर्थिक संकट से पूर्व की स्थिति में पहुंचने का जिक्र करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने सोमवार को लोकसभा में वित्त वर्ष 2011-12 के लिए आम बजट पेश करते हुए भाषण की शुरुआत की। अपने शुरुआती भाषण में मुखर्जी ने कहा, 'हम उच्च विकास और चुनौतियों से भरपूर एक महत्वपूर्ण वर्ष के अंत में है। वर्ष 2010-11 में विकास दर अच्छी रही। अर्थव्यवस्था...
More »