राजस्थान सरकार ने श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी को बढ़ा दिया है। श्रम एवं नियोजन विभाग के प्रमुख शासन सचिव मनोहरकांत ने शुक्रवार को यहां बताया कि बढी हुई मजदूरी की दरें एक जनवरी से लागू होंगी। उन्होंने बताया कि न्यूनतम मजदूरी अधिनियम 1948 के तहत एक मार्च 2008 से लागू दरों में बढ़ोतरी करते हुए एक जनवरी 2011 से अकुशल कामगारों को न्यूनतम 135 रुपये, अर्द्धकुशल को 145...
More »SEARCH RESULT
बीपीएल परिवार को मिलेगा एक फ्री हैंडसेट
अजमेर. केंद्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री सचिन पायलट ने वैल कनेक्ट इंडिया योजना पायलट प्रोजेक्ट के तहत राजस्थान के बीपीएल परिवारों को भी जोड़ने की स्वीकृति दी है। इस योजना के तहत बीपीएल परिवार के मुखिया को फ्री हैंडसेट व सिम उपलब्ध करवाई जाएगी। पायलट ने बताया कि दूरसंचार विभाग का प्रयास है कि ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले बीपीएल परिवारों को सूचना क्रांति से जोड़ा जाए। इसके तहत यह...
More »कुपोषण और शिशु मृत्यु दर के मामले में मप्र अव्वल
भोपाल. शिशु मृत्यु दर और कुपोषण के मामले में मप्र देश में अव्वल है। मातृ मृत्यु दर को लेकर भी प्रदेश केवल तीन राज्यों से ही बेहतर है। हालात इतने बिगड़ने के बाद अब जाकर राज्य सरकार चेती है और प्रदेश में कुपोषण दूर करने 24 दिसंबर से अटल बाल आरोग्य मिशन की शुरुआत की जा रही है। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) के ताजा आंकड़ों के अनुसार सबसे ज्यादा...
More »महानरेगा में सामाजिक अंकेक्षण सही कराने की योजना
जयपुर, जागरण संवाद केंद्र। राजस्थान में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के सामाजिक अंकेक्षण की प्रक्रिया को पटरी पर लाने की योजना बनाई जा रही है। इसके तहत स्वयंसेवी संगठनों का सहयोग केवल प्रशिक्षण तक ही लिया जाएगा।ं अंकेक्षण ग्राम सभा के लिए तीस दिन पहले घोषणा करने को पाबंद किया गया है। अंकेक्षण में खानापूर्ति कर शिकायत रहित ग्राम पंचायत बताने की कोशिश करने वालों पर रोक लगाने के...
More »ग्रामीण गरीबी रिपोर्ट 2011
जब कभी दुनिया की गरीबी पर कोई रिपोर्ट जारी होती है, तो उसमें दक्षिण एशिया- उसमें भी खासकर भारत सबसे बदहाल दिखता है। हमारे यहां न सिर्फ सबसे ज्यादा संख्या में कम वजन (अंडरवेट) के बच्चे हैं, बल्कि प्रसूति के दौरान माताओं की मृत्यु की दर भी बेहद ऊंची है। भारत में ही सबसे ज्यादा ऐसे बच्चे हैं, जो स्कूल नहीं जाते और विश्व कुपोषण सारणी में भी भारत का...
More »