राज्य सरकारों ने 'वाटरशेड’ कार्यक्रम की जो रिपोर्ट भेजी है, उससे केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश सहमत नहीं हैं। बंजर भूमि, मरूभूमि और सूखे क्षेत्र को हरा-भरा बनाने के लिए केंद्र सरकार हजारों करोड़ रुपये राज्य सरकारों को देती आई है। लेकिन जिले के अधिकारी और नेता मिलीभगत से सारा पैसा डकार जाते हैं। झूठे आंकड़े राज्य सरकारों के माध्यम से केंद्र सरकार को भेज दिए जाते हैं। आईआईटी के पढे़ श्री रमेश को कागजी...
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राजा ने लूटी रंकों की रोटी- आशीष खेतान(तहलका, हिन्दी)
सपा की पिछली सरकार में खाद्य और आपूर्ति विभाग के मंत्री रहे राजा भैया ने जन वितरण प्रणाली में घोटाले के जरिए 100 करोड़ रुपये बनाए. वे एक बार फिर से उसी विभाग के मंत्री हैं. उनके कारनामों को आशीष खेतान उजागर कर रहे हैं यह किसी केंद्रीय मंत्री और बड़े औद्योगिक घराने के बीच हुए अनैतिक लेन-देन की कहानी नहीं है. यह कहानी है हमारे समाज के सबसे वंचित और शोषित तबके...
More »दलित की मौत और मुआवजे की फाइल हो गई छूमंतर
मंडी. प्रदेश सरकार बेशक नौकरशाही को जवाबदेह और पारदर्शी बनाने के लिए पब्लिक अकांउटिविलिटी जैसा कानून बनाने की वाहवाही लूट रही हो लेकिन दूसरी और सरकारी अमले की लालफीताशाही का आलम यह है कि सरकारी दफ्तर से सरकारी फाईल गायब हो जाती है। उप तहसील बालीचौकी के धार गांव के एक दलित व्यक्ति ईश्वर सिंह की अचानक हुई मौत के बाद मिलने वाले मुआवजे की फाईल पिछले दो साल से...
More »झारखंड: संगीनों पर सुरक्षित गांव- चंद्रिका की रिपोर्ट
यह उन लोगों की कहानियां हैं, जो आजादी, इंसाफ और शांति के साथ जीना चाहते हैं. अपने गांव में खेतों में उगती हुई फसल, अपने जानवरों, अपनी छोटी-सी दुकान और अपने छोटे-से परिवार के साथ एक खुशहाल जिंदगी चाहते हैं. लेकिन यह चाहना एक अपराध है. अमेरिका, दिल्ली और रांची में बैठे हुक्मरानों ने इसे संविधान, जनतंत्र और विकास के खिलाफ एक अपराध घोषित कर रखा है. उनकी फौजें गांवों...
More »'सिस्टम' से तंग छवि राजावत करेंगी गहलोत से शिकायत
नई दिल्ली. राजस्थान के टोंक जिले के सोड़ा गांव की सरपंच के तौर पर पूरी दुनिया में नाम कमा चुकीं छवि राजावत को 'सिस्टम' से शिकायत है। देश के नामी गिरामी स्कूल-कॉलेजों में पढ़ चुकीं राजावत जब सोड़ा गांव की सरपंच बनीं थीं तो उन्हें खुद और उनके गांव को बड़े बदलाव की उम्मीद थी। लेकिन सरपंच बनने के दो साल बाद महिलाओं से होने वाला भेदभाव, नौकरशाही के रवैये और राजनीतिक...
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