नृत्त्वशास्त्र की अध्येता जॉन पी मेंशे से की गई यह भेटवार्ता फ्रंटलाइन से साभार ली गई है। प्रोफेसर जोन पी मेंशे नृत्तत्वशास्त्र की अध्येता हैं। उन्होंने बरसों तक सिटी यूनिवर्सिटी ऑव न्यूयार्क के ग्रेजुएट सेंटर और इसी यूनिवर्सिटी के लेहमान कॉलेज में अपने विषय का अध्यापन किया है। प्रोफेसर मोंशे सेकेंड चांस फाऊंडेशन नामक एक नॉट फॉर प्राफिट संस्था की अध्यक्ष भी हैं। यह संस्था भारत और संयुक्त राज्य...
More »SEARCH RESULT
पश्चिम बंगाल में गांजे की खेती
कोलकाता। बांग्लादेश सीमा से सटे जिलों में इन दिनों गांजे की खेती खूब फलफूल रही है। दो दिन पहले मुर्शिदाबाद जिले के कुछ इलाकों में लाखों रुपये मूल्य के गांजा के पेड़ों को पुलिस ने नष्ट किया है। यह तो सिर्फ एक जिले की घटना है। इस तरह उत्तर चौबीस परगना, नदिया और उत्तर बंगाल के मालदाह जिले में गांजा और अफीम की खेती खूब जोरों पर होने की बात सामने आयी है। इस संबंध...
More »बनी रहती है सेब में लाली व चाय में हरियाली
मुजफ्फरपुर रासायनिक खाद के उपयोग से पीछे हट रहे किसानों को भले ही जैविक उर्वरक से की गयी खेती रास न आ रही हो,पर मुजफ्फरपुर में निर्मित जैविक खाद से भारत के कई राज्यों के संतरे, चाय व सेब के बागों में हरियाली बनी रहती है.दूसरे राज्यों में खाद की आपूर्तिमिट्टी के लिए हानिरहित होने के कारण केवल चाय, सेब व संतरे की फसलों में ही नहीं, बल्कि औषधीय फ़ार्मो में भी इसका व्यापक पैमाने...
More »आर-पार से पहले मंझधार- बीटी बैंगन का विवाद
बीटी बैंगन की खेती को जेनेटिक इंजीनियरिंग एडवाइजरी कमिटी की हरी झंडी मिलने के साथ एक बार फिर आनुवांशिक रुप से प्रवर्धित बीजों के इस्तेमाल का सवाल मीडिया की सुर्खियों में है।जेनेटिक इंजीनियरिंग एडवाइजरी कमिटी वन और पर्यावरण मंत्रालय से जुड़ी एक नियामक संस्था है। वैज्ञानिक की टोली वाली इस समिति ने पिछले १४ अक्तूबर को बीटी बैंगन की व्यावसायिक खेती को निरापद करार देते हुए हरी झंडी दे दी थी। बीटी बैंगन की खेती को निरापद करार देने के समिति...
More »बटाईदारी बिल नहीं होगा लागू
पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की हाल की दिनचर्या पर जबर्दस्त अंदाज में प्रहार किया। अपने आवास पर संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा-'बड़े भाई को तो कुछ काम रह नहीं गया है। सुबह-सुबह राजपूत और भूमिहार जाति के गांवों में लोगों को फोन कर कह रहे हैं कि देख लिया न नीतीश कैसे छीन रहा है आपकी जमीन। अभी नहीं तो चुनाव के...
More »