वर्ष 1966-67 में समूचे देश में सूखे की स्थिति व्याप्त हो गयी थी. उस समय देश की 48 करोड़ आबादी को खिलाने के लिए हमारे पास समुचित खाद्यान्न उपलब्ध नहीं था. ऐसी स्थिति में विदेशों से खाद्यात्र मंगाने की मजबूरी बन रही थी. यह परंपरा अधिक दिनों तक किसी भी स्थिति में चलनेवाली नहीं थी. इसलिए खाद्यान्नों के मामले में आत्मनिर्भर बनने के लिए उसके उत्पादन में वृद्धि करना अनिवार्य आवश्यकता बन...
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गुजरात में दोगुनी पैदावार देगी मक्का की हाईब्रिड किस्म
वैज्ञानिकों ने मक्का की नई हाईब्रिड किस्म विकसित की है। इसकी खासियत दोगुने से ज्यादा पैदावार देने की इसकी क्षमता है। गुजरात के आनंद कृषि विश्वविद्यालय (एएयू) द्वारा विकसित इस किस्म के मक्का की खेती राज्य के आदिवासी क्षेत्रों में हो सकती है। गुजरात आनंद यलो हाइब्रिड मैज-1 (जीएवाईएचएम) नामक इस बीज को प्रदेश के बारिश सिंचित उत्तर व मध्य क्षेत्र में खरीफ सीजन में रोपी जा सकती है। इसके बारे...
More »भारत-अमेरिका विकसित करेंगे गेहूं की नई किस्में
उच्च तापमान के माहौल में भी सुरक्षित रहने वाली गेहूं किस्मों के विकास के लिए भारत और अमेरिका ने संयुक्त रूप से रिसर्च करने की योजना बनाई है। दोनों देश गेहूं की किस्में विकसित करने के लिए रिसर्च पर बड़ी रकम खर्च करने की तैयारी कर रहे हैं। ग्लोबल वार्मिंग और तापमान में बढ़ोतरी होने के कारण ऐसी फसल किस्में तुरंत विकसित करने की जरूरत महसूस की जा रही है। विशेषज्ञों...
More »गेहूं उत्पादन में पंजाब को पछाड़ सकता है बिहार
पटना: भारत में हरित क्रांति के जनक, नॉर्मन बोरलॉग के सहयोगी संजय राजाराम ने कहा है कि चावल के उत्पादन में विश्व कीर्तिमान बनाने वाला बिहार गेंहू के उत्पादन में भी पंजाब को पीछे छोड़ सकता है। 400 से भी अधिक अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिकों को प्रशिक्षित कर चुके और 400 से अधिक वैज्ञानिक पुस्तकों के लेखक एवं सह लेखक संजय राजाराम ने आईएएनएस से कहा, "यदि बिहार की मिट्टी की हालत और...
More »जल्द ही गेंहू उत्पादन में पंजाब को पछाड़ेगा बिहार
पटनाः चावल के उत्पादन में विश्व कीर्तिमान बनाने वाला बिहार अब गेंहूं में भी अव्वल राज्य बनने की राह पर है. भारत में हरित क्रांति के जनक, नॉर्मन बोरलॉग के सहयोगी संजय राजाराम ने कहा, ‘चावल में अव्वल बनने के बाद अब बिहार गेंहू के उत्पादन में भी पंजाब को पीछे छोड़ सकता है.’ 400 से भी अधिक अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिकों को प्रशिक्षित कर चुके और 400 से अधिक वैज्ञानिक पुस्तकों के लेखक...
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