चुनावी बहस-मुबाहिसों में विकास की चर्चा तो खूब है, लेकिन इस विकास का आधार और देश की आबादी का सबसे बड़ा हिस्सा मजदूर कहीं प्रमुख मुद्दा नहीं है. घोषणापत्रों में श्रमिकों के मसलों को शामिल तो किया गया है, लेकिन उनके लिए कोई ठोस कार्ययोजना नहीं है. देश में मजदूर वर्ग निरंतर शोषण और दमन का शिकार बनता रहा है. ‘मई दिवस’ के मौके पर मजदूरों से जुड़े मसलों को रेखांकित...
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खेती-किसानी के मुद्दे गायब हैं चुनाव से- महक सिंह
चुनाव के दौरान सांप्रदायिकता, क्षेत्रवाद और व्यक्तिवाद की बातें की जा रही हैं, पर गांव, खेती और 54 प्रतिशत जनता के मुद्दे गौण हैं। कृषि क्षेत्र में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी), पूंजी निर्माण और कृषि निर्यात लगातार घटते जा रहे हैं। 1950-51 में जीडीपी में कृषि की भागीदारी 53.1 प्रतिशत थी, जो 2012-13 में घटकर 13.7 प्रतिशत रह गई। गांव-शहर तथा किसान-गैर किसान के बीच खाई बढ़ती जा रही है।...
More »जेब भरे तो सेहत सुधरे- कोई जरुरी तो नहीं
किसी देश की अर्थव्यवस्था तेज गति से छलांग लगा रही हो तो जरुरी नहीं कि वहां बच्चों के पोषण की दशा में भी सुधार हो रहा हो। प्रतिष्ठित लैंसेट ग्लोबल हैल्थ जर्नल में प्रकाशित एक शोध अध्ययन के मुताबिक प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद(जीडीपी) में बढोत्तरी का शुरुआती बालावस्था के कुपोषण को दूर करने से कोई सीधा रिश्ता नहीं है।(शोध-अध्ययन के लिए देखें नीचे दी गई लिंक) यह अध्ययन निम्न और...
More »भारत सामाजिक प्रगति सूचकांक में 132 देशों में 102 पर
न्यूयार्क : सामाजिक प्रगति सूचकांक पर 132 देशों की सूची में भारत का स्थान 102वां रहा. यह मानवीय सुख का पैमाना है जो सकल घरेलू उत्पाद या प्रति व्यक्ति आय के पारंपरिक आर्थिक आकलन के पार जाता है. सामाजिक प्रगति सूचकांक 2014 की सूची में ब्रिक्स देशों - ब्राजील, रुस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका - में सिर्फ भारत 100वें स्थान से नीचे है. यह सूची अमेरिका का एक गैर मुनाफा...
More »उतने बीमार भी नहीं हैं बीमारू राज्य- सुभाष गाताडे
कई बार कुछ सर्वेक्षण ऐसे नतीजे को सामने लाते हैं, जो हमारे सहज बोध से विपरीत जान पड़ते हैं। भारत के मानव विकास सूचकांक के ताजे आंकड़े इसी की मिसाल हैं। योजना आयोग के अंतर्गत कार्यरत इंस्टीट्यूट ऑफ एप्लाइड मैनपावर रिसर्च (आईएएमआर) के हालिया आंकड़े के मुताबिक, ऐसे गरीब कहलाने वाले राज्यों में मानव विकास सूचकांक अब तेजी से राष्ट्रीय औसत के करीब पहुंच रहा है, जहां हाशिये पर पड़े...
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