विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) को कड़ा संदेश देते हुए भारत ने शुक्रवार को साफ किया कि वह अपने खाद्य सुरक्षा मुद्दे के स्थायी समाधान के बिना व्यापार सुगमता करार (टीएफए) का अनुमोदन नहीं करेगा। इसके अलावा भारत ने गरीब देशों के लाखों लोगों के जीवनस्तर को प्रभावित करने वाले मुद्दों के समाधान पर भी जोर दिया है। भारत ने जिनीवा में संपन्न दो दिन की आम परिषद की बैठक में कहा...
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गरीबी हटाने की लंबी डगर - एन के सिंह(पूर्व सांसद और पूर्व केंद्रीय सचिव)
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट पर संसद में हुई बहस का जवाब देते हुए इस सोच का खंडन किया है कि गरीब समर्थक और कारोबार समर्थक नीतियों में कोई फर्क होता है। उन्होंने पूरी विनम्रता से स्वीकार किया है कि उनका बजट गरीब समर्थक भी है और कारोबार समर्थक भी। यह बात लगभग उसी तरह की है, जैसे यह कहा जाए कि एक तरफ जगदीश भगवती और अरविंद पणगरिया...
More »एक खबर जिसकी हत्या हुई - चंदन श्रीवास्तव
बात आत्महत्या से संबंधित खबरों की हो, तो अपने देश के अखबार आत्महत्या का सामाजिक आधार खोजते हुए शादी-ब्याह तक पहुंचते हैं और यह बताते हैं कि भारत में आत्महत्या कुंवारों से ज्यादा शादीशुदा लोग कर रहे हैं. वर्षो से यही चलन जारी है. इस साल भी एक अखबार ने सुर्खी लगायी है कि ‘शादीशुदा लोगों में आत्महत्या करने की प्रवृत्ति ज्यादा!' और पाठकों को ज्ञान दिया है कि ‘देश...
More »शक्ति की करो तुम मौलिक कल्पना- रमेशचंद्र शाह
जनसत्ता 14 जुलाई, 2014 : भीतर और बाहर के सूने सपाट में अकस्मात यह कैसी तरंग उठी और उठ कर फैलती ही गई! महज एक काव्य-पंक्ति, सबकी जानी-मानी एक सुविख्यात कवि की क्यों इस तरह अयाचित और अकस्मात मन में कौंध उठी कि मुझे लगने लगा- मुझे जो कुछ कहना था वह मैंने कह दिया और कहने के साथ ही कर भी दिया। कुछ इस तरह कि मानो जो कुछ भीतर...
More »बजट के पीछे की राजनीति- नीलोत्पल बसु
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने आम बजट पेश करके देश के सामने विकास का रोडमैप रखा है. इस बजट पर विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता और विशेषज्ञ क्या सोचते हैं. ‘बजट के पीछे की राजनीति' पर ‘प्रभात खबर' एक सीरीज शुरू कर रहा है. इसी सीरीज में आज पढ़ें पहली कड़ी. एनडीए सरकार द्वारा पेश आम बजट और रेल बजट आम लोगों के लिए निराश करने वाला रहा. आम बजट...
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