आघात - केंद्र ने अप्रैल 2013 से डाकघर बचत तथा पब्लिक प्रॉविडेंट फंड जैसी बचत योजनाओं में देय ब्याज में 0.10 फीसदी कर दी। हाल ही कर्मचारी भविष्य निधि फंड में 0.25 की वृद्धि की गई है जो निम्न और मध्यवर्गीय नौकरीपेशा वर्ग के लिए मामूली राहत वाली बात कही जा सकती है। भारतीय समाज के ये दो वर्ग ऐसे होते हैं...
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आवास-नीति मे बदलाव की जरुरत- नई रिपोर्ट
एक अरसे से आशंका जतायी जा रही है कि देश में सस्ती कीमत के आवास की मांग तेजी से बढ़ी है लेकिन इस जरुरत की पूर्ति के मामले में कुछ खास प्रगति नहीं हो पा रही। राष्ट्रीय आवास बैंक की एक नई रिपोर्ट के तथ्य और आंकड़े इस आशंका की पुष्टि करते हैं।(देखें नीचे दी गई लिंक पर पूरी रिपोर्ट) रिपोर्ट के अनुसार भारत के शहरी क्षेत्र में 1 करोड़ 80...
More »गांव लौटने की मजबूरी - देविंदर शर्मा
बीते सात वर्षों में जिन किसानों ने खेती छोड़कर वैकल्पिक रोजगार अपना लिया था, आगामी कुछ महीनों में उनमें से डेढ़ करोड़ किसानों के थक-हारकर अपने गांव लौट आने की संभावना है। सामान्य स्थितियों में इतने बड़े स्तर पर किसानों के शहरों से गांव लौटने को समावेशी विकास का संकेत माना जाता। लेकिन अर्थशास्त्री इस यू-टर्न को आर्थिक मंदी का नतीजा बता रहे हैं। क्रिसिल ने भी अपनी रिपोर्ट में इसे...
More »चावल खराब बता लेने से इनकार एफसीआइ का धोखा प्रदेश को नुकसान
पटना: भारतीय खाद्य निगम (एफसीआइ) की बिहार में लेवी का चावल लेने के लिए आनाकानी से राज्य को 15 करोड़ की चपत लगेगी. एफसीआइ ने क्वालिटी खराब होने के नाम पर 68 हजार 662 क्विंटल चावल लेने से इनकार किया है. राज्य सरकार किसानों से धान की खरीद कर राज्य के मिलरों से कुटाई करा एफसीआइ के हाथों चावल बेचती है. राज्य सरकार ने 2012-13 में किसानों से 19 लाख 46 हजार...
More »बढ़ते कर्ज के कारण किसान ने की आत्महत्या
मुजफ्फरनगर : मुजफ्फरनगर के अत्रोहन गांव में ऋण के बोझ से दबे एक किसान ने अपने घर में खुद को गोली मारकर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली. पुलिस के अनुसार संजय त्यागी (48) ने कल यह कदम बढते बैंक ऋण और उसे चुकाने के लिये बैंक अधिकारियों के बढ़ते दबाव से उपजे अवसाद के चलते उठाया. त्यागी का शव पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया गया है. भारतीय किसान यूनियन के ब्लाक...
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