दुनिया की सबसे प्रभावशाली महिलाओं में से एक और बिल ऐंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन की सह-संस्थापक मेलिंडा गेट्स मानती हैं कि आज का भारत पहले की तुलना में बेहतर है और वह गरीबी उन्मूलन के अपने लक्ष्य के काफी करीब पहुंच चुका है। वह यह भी मानती हंत कि हर भारतीय को आज स्वास्थ्य सेवा मिलती है। पिछले दिनों जब वह दिल्ली आई हुई थीं, तब उनसे विद्या कृष्णन ने विस्तृत बातचीत...
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चुनावी घोषणापत्रों में नजरंदाज होते बच्चे - क्षमा शर्मा
कई साल पहले दुनिया के बच्चों की स्थिति का आकलन करते हुए यूनिसेफ ने कहा था कि बच्चे वोट नहीं दे सकते, इसलिए कोई उनकी समस्याओं पर ध्यान नहीं देता। अब जब आम चुनाव सामने है, तो इसे अच्छी तरह समझा जा सकता है। सारे दल दलितों, महिलाओं, पिछड़ों, आदिवासियों, अल्पसंख्यकों को लुभाने के लिए लगभग हर रोज कुछ-न-कुछ कह रहे हैं, मगर वे बच्चों और किशोरों को भूल गए हैं।...
More »‘जंगल हम-आपका, नहीं किसी के बाप का ’- अविनाश कुमार चंचल
अवधेश की उम्र का हिसाब रखने के लिए न तो उसके पास मां है और न बाप. शायद इसलिए हमने उससे उसकी उम्र जाननी चाही तो उसने तपाक जवाब दिया, ‘चौथी कक्षा में पढ़ता हूं.’ चौथी कक्षा ही उसकी उम्र को बयां करती है. झट हम भी हिसाब लगाते हैं- दस साल. अवधेश सिंह पनिका दस साल का बच्चा है. आदिवासी परिवार में पैदा हुआ. मध्य भारत के घने जंगलों से घिरे...
More »इस बार के चुनाव में खेती-किसानी मुद्दा क्यों नहीं है- हरवीर सिंह
इंदिरा गांधी के इमरजेंसी राज के बाद 1977 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को जिस जनता पार्टी ने सत्ता से बेदखल किया, उसका चुनाव चिह्न हलधर था। उस चुनाव का एक नारा था, देश की खुशहाली का रास्ता खेतों और गांवों से होकर जाता है। साफ है कि तब राजनीति के केंद्र में किसान और गांव-देहात था। अब सोलहवीं लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। इस चुनाव में मध्यवर्ग,...
More »बुलंद हौसले के लिए सम्मानित हुईं 21 महिलाएं
जी हां, तमाम बाधाओं को पारकर अपने बुलंद हौसलों से मुकाम हासिल कर समूचे नारी वर्ग के लिए नजीर बनीं देश की 21 महिलाओं को गुरुवार को राष्ट्रीय महिला आयोग ने विभिन्न क्षेत्रों में उनके अतुलनीय योगदान के लिए सम्मानित किया। पश्चिम बंगाल के 24परगना के गांव की नासिमा खातून के हाथ -पैर छह वर्ष की आयु में तेज बुखार से तंत्रिका तंत्र पर असर पड़ने के कारण खराब हो गये...
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