-द प्रिंट, जैसे ही यह खबर आई कि दुनिया की सबसे तेज रफ्तार अर्थव्यवस्था आज दुनिया की सबसे तेजी से सिकुड़ रही अर्थव्यवस्था बन गई है, चारों तरफ से तरह-तरह की टिप्पणियां आने लगीं. इन टिप्पणियों में सबसे गौरतलब यह थी कि भारत की आर्थिक वृद्धि की क्षमता 6 प्रतिशत से घटकर 5 प्रतिशत की हो गई है. कुछ अरसे से यह स्पष्ट हो गया था कि भारत को कोविड-19 के...
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पिछले दो सालों में कश्मीर के उस सेब उद्योग की कमर टूट गई है जो यहां की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है
-सत्याग्रह, अगर कश्मीर घाटी के पिछले कुछ महीनों के मौसम का हाल एक लाइन में बताना हो तो शायद वह लाइन “मैदानों जैसी गर्मी, बार-बार ओले गिरना, कम बारिश और सर्दियों में ज़्यादा बरफ” होगी. हाल यह है कि इस बार का अगस्त पिछले 40 सालों में सबसे गरम रहा है और यही हाल जुलाई का भी था. इस बार गर्मियों में कश्मीर का अधिकतम तापमान 35.7 तक चला गया था और...
More »सेंसर-आधारित प्रणाली से ग्रामीण क्षेत्रों मे पानी की समस्या होगी दूर
-इंडिया वाटर पोर्टल, भारत जल शक्ति मंत्रालय ने ग्रामीण इलाकों में पानी की व्यवस्था और भविष्य की स्थिति जानने के लिये विभिन्न राज्यों में सेंसर आधारित प्रणाली की शुरुआत की है। राज्य और केंद्र के सर्वरों में भेजे जाएंग आकड़े इस प्रोजेक्ट के तहत जमीनी स्तर से आकड़े जुटाए जाएंगे। उसके बाद उसे राज्य और केंद्र के सर्वरों में भेजा जाएगा। ताकि इसका इस्तेमाल पानी की आपूर्ति की मात्रा,गुणवत्ता और नियमितता को आकनें...
More »एनसीआरबी के आंकड़े: दिहाड़ी मजदूरों की आत्महत्या दर 18 से बढ़कर 24 फीसदी हुई
-गांव कनेक्शन, आखिर क्यों दिहाड़ी मजदूर आत्महत्या करने के लिए विवश हो रहे हैं? मजदूर दिन रात कड़ी मेहनत तो करते हैं फिर भी उन्हें उनका सही पारिश्रमिक नहीं मिलता। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट कहती है कि भारत में वर्ष 2019 में आत्महत्या करने वाला हर चौथा शख्स दिहाड़ी मज़दूर था। लगभग समस्त आर्थिक कृया कलापों में मज़दूरों का विशेष योगदान होता है। किसी भी प्रकार का उद्योग हो,...
More »अप्रैल से लेकर अब तक 83 लाख से अधिक नए मनरेगा कार्ड जारी, सात सालों में सर्वाधिक बढ़ोतरी: रिपोर्ट
-द वायर, मौजूदा वित्त वर्ष 2020-21 के शुरुआती पांच महीनों (अप्रैल से सितंबर) के दौरान 83 लाख से अधिक नए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) कार्ड जारी किए गए हैं. एक अप्रैल से तीन सितंबर तक की यह संख्या (83.02 लाख नए कार्ड) बीते सात सालों में हुई वार्षिक बढ़ोतरी से अधिक है, जिसके आंकड़े मनरेगा पोर्टल पर उपलब्ध है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2014-15 में...
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