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जोशीमठ भूधंसाव के मामले में केंद्र सरकार ने दिया गोलमोल जवाब

डाउन टू अर्थ, 1 अगस्त  जोशीमठ भूधंसाव के मामले में सरकार से संसद में सवाल पूछा गया, लेकिन सरकार की ओर से केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने पुरानी बातें दोहरा दी। उन्होंने बताया कि भूधंसाव के बाद तपोवन-विष्णुगाड पन बिजली परियोजना और हेलंंग मारवाड़ी बाइपास का काम रोक दिया गया था। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि हेलंग बाइपास का काम बाद में शुरू...

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मॉनसून के अगले दो महीनों में एक साथ दिख सकते हैं सूखे और बाढ़ के हालात

डाउन टू अर्थ, 1 अगस्त  भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने दक्षिण पश्चिम मॉनसून के अगले दो महीने यानी अगस्त और सितंबर की बारिश का पूर्वानुमान जारी किया है। पूर्वानुमान के अनुसार, इस अवधि में हिमालय से सटे उपखंडों के अधिकांश हिस्सों, पूर्व मध्य भारत, पूर्वी भारत और उत्तर-पूर्व के कुछ क्षेत्रों में सामान्य अथवा सामान्य से अधिक बारिश की संभावना है। वहीं दूसरी तरफ प्रायद्वीपीय भारत के अधिकांश क्षेत्रों, उत्तर पश्चिम...

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बाघों की बढ़ती आबादी को संभालने में कितने सक्षम हैं भारत के जंगल

मोंगाबे हिंदी, 31 जुलाई पांच दशक पहले की बात है, देश में बाघों की पहली गिनती के नतीजों ने सरकार के लिए खतरे की घंटी बजा दी थी। बाघों की आबादी घटकर 1,827 पर आ गई थी। यह संख्या 20वीं सदी के शुरू में अनुमानित 20,000-40,000 से काफी कम थी। इसी खतरे को भांपते हुए 1973 में ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ शुरू किया गया। यह कार्यक्रम आज भी भारत में बाघों को बचाने...

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‘बेटी बचाओ’ के नारे के बीच 3 साल के भीतर गायब हुईं 13 लाख से ज्यादा महिलाएं और बच्चियां!

गाँव सवेरा, 31 जुलाई देश में 2019 से 2021 के बीच तीन साल के भीतर 13.13 लाख लड़कियां और महिलाएं लापता हुई हैं जिनमें से सबसे अधिक मध्यप्रदेश की हैं. लापता महिलाओं की संख्या के लिहाज से पश्चिम बंगाल दूसरे स्थान पर है. वहीं केंद्र शासित राज्यों में दिल्ली जम्मू के बाद चंडीगढ़ में सबसे ज्यादा महिलाएं और बच्चियां लापता हुई हैं. चंडीगढ़ में 4590 बच्चियां और महिलाएं लापता हुई हैं. गृह...

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ग्लोबल वार्मिंग के कारण सालों तक बढ़ेगी ला नीना की घटनाएं: अध्ययन

डाउन टू अर्थ, 28 जुलाई दक्षिणी दोलन (ईएनएसओ) पृथ्वी का सबसे अहम सालभर होने वाला जलवायु उतार-चढ़ाव है। गर्म अल नीनो और ठंडे ला नीना चरणों के बीच अनियमित रूप से बदलाव करते हुए, यह समुद्र की सतह के तापमान में बदलाव लाता है और उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में हवा और वर्षा के पैटर्न में गड़बड़ी पैदा करता है। अल नीनो के विपरीत, जो आम तौर पर एक वर्ष तक रहता है, ला...

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