बांदा। विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष व बसपा राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि बुंदेलखंड में सूखा नहीं अकाल पड़ा है। यहां का किसान घास की रोटी खाने को मजबूर है और केंद्र व प्रदेश सरकार हाथ पर हाथ पर रखे बैठी है। सरकार की इस उदासीनता की बसपा निंदा करती है। अगले माह सत्र शुरू होने पर सदन में किसानों के मुद्दे उठाए जाएंगे। अलीगंज स्थित अपने आवास में सोमवार...
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मिटे इंडिया और भारत का अंतर-- विश्वनाथ सचदेव
किसान नेता शरद जोशी ने ही पहली बार ‘इंडिया' और ‘भारत' का नारा दिया था. यह नारा देकर उन्होंने शहरी भारत व ग्रामीण भारत के अंतर को उजागर किया और इस अंतर को मिटाने की जरूरत को भी रेखांकित किया. सार्वभौम, समाजवादी पंथ-निरपेक्ष जनतांत्रिक गणतंत्र की घोषणा करनेवाले आमुख के बाद हमारे संविधान की शुरुआत जिन शब्दों से होती है, वह है ‘इंडिया जो कि भारत है.' हमारे संविधान निर्माताओं ने...
More »वायु प्रदूषण कम करने के लिए आगे आई हरियाणा की एक खाप
चंडीगढ़। हरियाणा की खाप पंचायतें आमतौर पर महिलाओं के खिलाफ फतवे जारी करने के लिए ही बदनाम रही हैं। मगर, हाल के दिनों में कुछ फैसले यह बताने के लिए काफी हैं कि अब वे भी आधुनिकता की ओर बढ़ रही हैं। इसी कड़ी में ताजा फैसला पर्यावरण को नुकसान से बचाने के सिलसिले में लिया गया है। हरियाणा की दहिया खाप ने फैसला किया है कि वह किसानों द्वारा खेत...
More »चार जिलों के किसानों ने एक होकर सरकार को ललकारा
राजनांदगांव (ब्यूरो)। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के निर्वाचन मुख्यालय में सोमवार को राजनांदगांव समेत 4 जिलों के किसानों ने मांगों को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। बीवी और बच्चों को लेकर आए किसानों ने रैली और सभा के जरिए सरकार को सावधान किया कि धान पर बोनस दें और समर्थन मूल्य 2100 रुपए करें। अन्यथा वे कुर्सी हिला देंगे। रैली में करीब 10 हजार किसानों ने हुंकार भरी। राजनांदगांव के अलावा बालोद,...
More »साफ पर्यावरण किसकी जिम्मेदारी!--- पुष्परंजन
दिल्ली के जिस वसुंधरा इन्कलेव में मैं रहता हूं, वहां 56 हाउसिंग सोसाइटी हैं, और उसके पीछे एक गांव है, दल्लूपुरा. इस गांव में कबाड़ का कारोबार लंबे समय से फलता-फूलता रहा है.अक्सर कबाड़ी कूड़े में प्लास्टिक, रबर और रसायन जलाते हैं, जिससे आसपास के अपार्टमेंट में रहनेवालों का जीना दूभर हो जाता है. पुलिस में इसकी लगातार शिकायत गयी, तब यह कुछ समय के लिए रुका. यह इसलिए नहीं...
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