रांची : कृषि मंत्री योगेंद्र साव पंचायतों को दी गयी शक्तियां वापस लेना चाहते हैं. वह भूमि संरक्षण योजना के तहत जिला परिषदों को दिये गये 33 करोड़ रुपये वापस विभाग में लाने पर अड़े हैं. इसके लिए उन्होंने कानूनी राय मांगी है. यह मामला पंचायती राज विभाग के पास विचाराधीन है. पहले विभाग ही कराता था काम : पंचायती राज संस्थाओं को दी गयी शक्तियों पर अमल करने के लिए कृषि विभाग...
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बिचौलिये उठाते हैं लाभ
सरकार ने राज्य के अधिकतर जिलों को सुखाड़ घोषित कर दिया. स्थिति भी सुखाड़ वाली है, लेकिन किसानों को क्या मिला. अभी केंद्रीय टीम आयेगी, जायजा लिया जायेगा, उसके बाद जो मिलना होगा, मिलेगा. लेकिन अभी तो किसान भूखे मर रहे हैं. वहीं दूसरी ओर से सभी झंझावतों से लड़ते हुए यदि किसान फसल उपजाने में सफल रहे रहे, तो उसका उचित कीमत नहीं मिलेगा. अभी सरकार को किसानों के उत्पाद को लेने...
More »बिचौलिये उठाते हैं लाभ
सरकार ने राज्य के अधिकतर जिलों को सुखाड़ घोषित कर दिया. स्थिति भी सुखाड़ वाली है, लेकिन किसानों को क्या मिला. अभी केंद्रीय टीम आयेगी, जायजा लिया जायेगा, उसके बाद जो मिलना होगा, मिलेगा. लेकिन अभी तो किसान भूखे मर रहे हैं. वहीं दूसरी ओर से सभी झंझावतों से लड़ते हुए यदि किसान फसल उपजाने में सफल रहे रहे, तो उसका उचित कीमत नहीं मिलेगा. अभी सरकार को किसानों के उत्पाद को लेने...
More »आपदा फंड से बने तालाबों को भी राहत की दरकार
राज्य में हर साल 1200 से 1400 एमएम तक बारिश होती है़ लेकिन, पहाड़ी एवं पठारी क्षेत्र होने के कारण अधिकतर पानी बह जाता है़ इसे रोकने के लिए छोटे-छोटे तालाब बहुत जरूरी हैं़ पानी पुरुष राजेंद्र सिंह भी मानते हैं कि झारखंड की जो भौगोलिक परिस्थिति है उसमें छोटे तालाबों का बड़ा महत्व है़ . इस प्रकार के तालाब हर गांव में बनाया जाना चाहिए़ वह भी दर्जनों की संख्या में इस...
More »सूपेड़ी और लूंधीया बने पानीदार गांव
गुजरात के सुप्रसिद्ध लोक साहित्यकार स्वर्गीय झवेरचंद मेघाणी ने आजादी के कुछ ही वर्ष पूर्व सौराष्ट्र की लोक कथाओं में अनेक नदियों में आई बाढ़ का उल्लेख किया है. आज वही सौराष्ट्र पिछले कुछ समय से अकाल ग्रस्त और सूखा ग्रस्त क्षेत्र घोषित होने लगा है. आजादी के 50 वर्ष में ही गुजरात की छोटी-बड़ी सभी नदियां सूख गईं और कृषि प्रधान गुजरात अब सूखाग्रस्त गुजरात हो गया. कभी सागर के नाम से...
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