छत्तीसगढ़ में प्राकृतिक संसाधनों का अकूत भंडार है, लेकिन ऐसा लगता है कि इसका फायदा सिर्फ उन्हीं लोगों को हो रहा है जिन पर मुख्यमंत्री रमन सिंह की कृपादृष्टि है. आशीष खेतान की रिपोर्ट. साल 2011 की बात है. दीवाली का मौका था. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में चर्चित अखबार ‘पत्रिका’ के स्थानीय संपादक गिरिराज शर्मा के पास एक विशेष उपहार पहुंचा. राज्य के मुख्यमंत्री रमन सिंह के कार्यालय की तरफ से...
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नया कंपनी राज- पुष्परंजन
जनसत्ता 31 मई, 2012: इसे ‘केला गणतंत्र’ कहें तो कई लोगों को आपत्ति हो सकती है। लेकिन दिशाहीन राजनीति और डोलती अर्थव्यवस्था के लिए ‘बनाना रिपब्लिक’ जैसे शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग अमेरिकी लेखक ओ हेनरी ने 1904 में अपनी पुस्तक ‘कैबेज एंड किंग्स’ में किया था। ओ हेनरी 1896-97 में बैंक घोटाले के एक मामले में अमेरिका से गायब हो गए थे, और होंडुरास में शरण ली थी। उस दौरान मध्य अमेरिकी...
More »पैरेंट्स से कर रहे हैं निजी स्कूल जमकर अवैध वसूली
रायपुर। अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाने के इच्छुक शहर के अभिभावकों से निजी स्कूल जमकर वसूली कर रहे हैं। वे कई ऐसी मदों में पैसे ले रहे हैं जो कानूनन अवैध हैं। स्कूली शिक्षा विभाग ने अवैध माने गए इन मदों की बाकायदा सूची जारी की है। इसके बावजूद स्कूल धड़ल्ले से वसूली कर रहे हैं। दैनिक भास्कर की टीम ने शहर के 350 में से 120 निजी स्कूलों की...
More »बेच दी गई NH, डैम व स्कूल के लिए अधिग्रहित सैकड़ों एकड़ भूमि
रांची. विकास कार्य के लिए अधिग्रहित जमीन धड़ल्ले से बिक रही है। रांची जिले में ही एनएच, डैम, स्कूल व पशुपालन विभाग के लिए अधिग्रहित सैकड़ों एकड़ जमीन बिक गई। इसे खरीदने में बिल्डरों और आम आदमी के अलावा अधिकारी भी पीछे नहीं रहे। अंचल कार्यालय के पास यह रिकॉर्ड ही नहीं है कि अब तक कितनी जमीनों का अधिग्रहण हुआ है। अधिग्रहण के समय रैयतों को जिस जमीन का मुआवजा दिया जा चुका...
More »आप कितने सही हैं, डॉ सिंह?- पी साईनाथ( अनुवाद-मनीष शांडिल्य)
प्रिय प्रधानमंत्री जी, मुझे यह जानकर खुशी हुई कि सुप्रीम कोर्ट को ‘‘सम्मानपूर्वक’’ फटकारते हुए आप ने कहा है कि अनाज, सड़ते हुए खाद्यान्न का निपटारा जैसे सभी सवाल नीतिगत मामले हैं. आप बिल्कुल सही कह रहे हैं और बहुत दिनों बाद ऐसा किसी ने कहा है. ऐसा कर आप संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की सार्वजनिक बयानबाजी में ईमानदारी लाने की एक छोटी-सी कोशिश कर रहे हैं, जिसकी बहुत कमी महसूस की जा रही थी. बेशक यह...
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