मोंगाबे हिंदी, 13 फरवरी हत्यारा कहलाना किसी को पसंद नहीं है। किसी भी प्राणी की मौत के लिए जिम्मेदार ठहराना विचलित करने वाला हो सकता है। हाथी की तो बात ही छोड़िए। कुत्ते, बकरी या गाय की मौत भी उतनी ही दुखदायी होती है,” पूर्वोत्तर भारत में काम करने वाले एक लोको पायलट ने अपनी ट्रेन से एक हाथी से टकराने के बाद अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए कहा। उस हाथी...
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बंधुआ मजदूरों की संख्या और पुनर्वास के आंकड़ों में राज्य सरकारों की हेराफेरी
न्यूजलौंड्री, 10 फरवरी साल 2019-20 में आठ राज्यों में बंधुआ मज़दूरी का कोई मामला सामने नहीं आया है. यह जानकारी भारत सरकार ने राज्य सभा में दी है. दो फरवरी को कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (सीपीआई) के राज्यसभा सांसद बिनॉय विश्वम ने बंधुआ मजदूरों को लेकर सवाल किया था. बिनॉय ने साल 2019 से देश के अलग-अलग राज्यों में मुक्त कराए गए और पुनर्वासित किए गए बंधुआ मजदूरों के आंकड़े मांगे थे,...
More »प्राकृतिक नहीं, एक सुनियोजित आपदा है जोशीमठ
डाउन टू अर्थ, 10 फरवरी हिमालय की ढलानों पर 1,874 मीटर की ऊंचाई पर बसे जोशीमठ शहर के धंसने की शुरुआत हो चुकी है। आशंका इस बात की है कि केवल एक यही शहर ही नहीं, बल्कि आसपास के दूसरे कई गांव या कस्बे भी धीरे-धीरे धरती में समा सकते हैं। लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया जा रहा है और सरकारें उन सुरक्षित जगहों की तलाश में जी-जान से जुटी...
More »भारत में कोविड संक्रमण आधिकारिक आंकड़ों से 17 गुना अधिक: बीएचयू अध्ययन
द वायर, 9 फरवरी बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के नेतृत्व में किए गए एक अध्ययन में दावा किया गया है कि भारत में कोविड-19 संक्रमण (रिपोर्ट न किए गए और गैर-लक्षण वाले [Asymptomatic] मामलों समेत) के वास्तविक मामलों की संख्या 4.5 करोड़ के आधिकारिक आंकड़े से 17 गुना अधिक हो सकती है. टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, अध्ययन में देश के कई अन्य संस्थानों के वैज्ञानिक भी शामिल थे. इसका प्रकाशन...
More »मनरेगा पर संकट के बादल
हाल ही में पेश किए गए बजट के बाद पक्ष-विपक्ष की अतिवादी प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। इन बयानबाजियों में सबसे ज्यादा ध्यान मनरेगा ने खींचा है। बजट में मनरेगा के लिए आवंटित बजट, 2022-23 के संशोधित अनुमान की तुलना में काफी कम है। यह कमी करीब 33 प्रतिशत के आस–पास ठहरती है। सरकार के पास इस कटौती को जायज ठहराने के अपने तर्क हैं और विपक्ष व सामाजिक संगठनों की अपनी...
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