रांची जिला के मांडर प्रखंड की कंजिया पंचायत का एक गांव है - पुनगी. यह गांव आदिवासी बहुल है. एक समय था जब इस गांव की जमीनें सूखी और बंजर हुआ करती थीं. ग्रामीणों को किसी प्रकार की सुविधाएं नहीं थी. ग्रामीण स्वयं को असहाय महसूस करते थे. रोजी रोटी कमाने के लिए ज्यादातर लोग पलायन कर जाते थे. बाहर के राज्यों में ईंट भट्टों, भवन निर्माण या किसी असंगठित क्षेत्र...
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फिर रौद्र रूप लेगा शिक्षा मित्र आंदोलन- सैफ हैदर नकवी
बिना टीईटी के समायोजन व अप्रशिक्षितों का वेतनमान 7300 रुपये करने की मांग को लेकर शिक्षा मित्र 13 वें दिन भी लक्ष्मण मेला मैदान पर डटे रहे। रविवार को दो दर्जन शिक्षा मित्रों ने साइकिल यात्रा निकाल कर विधान भवन पर प्रदर्शन किया। वहीं, महिला शिक्षा मित्र अपने मासूम बच्चों के साथ धरने पर बैठी रहीं। आदर्श शिक्षा मित्र वेलफेयर एसोसिएशन के तत्वावधान में प्रदेश भर के शिक्षा मित्र धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।...
More »प्लस टू स्कूलों में बहाल होंगे 52 हजार शिक्षक, 1.17 लाख पद रिक्त
पटना: प्लस टू स्कूलों में इस साल 52 हजार शिक्षकों की नियुक्ति होगी. इसकी प्रक्रिया शुरू हो गयी है, जबकि प्रारंभिक स्कूलों में करीब एक लाख अतिरिक्त शिक्षक और अनुदेशक का नियोजन किया जायेगा. यह कहना है शिक्षा मंत्री पीके शाही का. उन्होंने बताया कि फिलहाल 41 हजार प्रारंभिक विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति हो चुकी है, जबकि एक लाख 17 हजार पद अभी भी रिक्त हैं. इन स्कूलों में नियुक्ति...
More »मुखिया संवार रहे हैं गांव-पंचायत की सूरत
सरकार द्वारा पंचायतों को हस्तांतरित अधिकार का भरपूर उपयोग जामाताड़ा जिले के पंचायत प्रतिनिधियों ने किया. जब से सरकार ने शिक्षा, कल्याण, स्वास्थ्य, आपूर्ति, मनरेगा योजना का संचालन सहित अन्य कार्यक्रमों के अनुश्रवण का जिम्मा पंचायतों को दिया है, तब से इन प्रतिनिधियों में काम करने का एक अलग उत्साह देखा जा रहा है. प्रतिनिधि सरकार की सभी कल्याणकारी एवं महत्वाकांक्षी योजनाओं का लाभ हर जरूरतमंद लोगों को दिलाने के...
More »अजजा, अजा व ओबीसी स्कूलों का लें लाभ
मित्रो, कल्याण विभाग राज्य की अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यकों के लिए कार्यक्रम चलाता है. राज्य में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की कुल आबादी 38.14 प्रतिशत है. इनमें 11.84 प्रतिशत अनुसूचित जाति और 26.30 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति हैं. अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग के लिए अविभाजित बिहार के समय से छात्रवास की सुविधा थी. उस समय अनुसूचित जाति के लिए 257 छात्रवास थे, जिनमें 11520...
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