विनायक सेन को लेकर मीडिया और समाज में दो तरह की छवि है। एक विनायक सेन, जिन्हें हमेशा देश के दुश्मन के तौर पर पेश किया जाता है, दूसरे विनायक सेन वे जो आदिवासियों के शुभचिंतक हैं और गरीब समाज के मसीहा हैं। दोनों विचार अतिवादी हैं। इस तरह एक आम भारतीय असमंजस की स्थिति में है कि वह इन दोनों में से किसे सच माने और किसे झूठ! यदि हम मीडिया की नजर...
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असंगति का संगीत- रोहिणी मोहन
कुछ मामलों में एक जैसे और ज्यादातर मामलों में एक-दूसरे से जुदा शांति और प्रशांत भूषण के छुए-अनछुए पहलुओं की पड़ताल करती रोहिणी मोहन की रिपोर्ट मई, 1995 की एक दोपहर को सामाजिक कार्यकर्ता हिमांशु ठक्कर अपने वकीलों प्रशांत और शांति भूषण के साथ सर्वोच्च न्यायालय में बैठे हुए थे. उनसे जरा-सी दूरी पर मुख्य न्यायाधीश एएस आनंद एक ऐसा फैसला सुना रहे थे जो पूर्वी गुजरात के कम से कम...
More »पोलावरम परियोजना के विरोध में दायर होगा सिविल सूट
रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार आध्रप्रदेश की पोलावरम परियोजना का विरोध करेगी तथा इस संबंध में जल्द ही उच्चतम न्यायालय में मामला दाखिल किया जाएगा। सिंह ने आज विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी के सदस्य देवजी भाई पटेल के सवाल के जवाब के दौरान कहा कि आध्रप्रदेश के पश्चिम गोदावरी जिले में निर्माणाधीन पोलावरम परियोजना के निर्माण का छत्तीसगढ़ सरकार विरोध कर...
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रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार आध्रप्रदेश की पोलावरम परियोजना का विरोध करेगी तथा इस संबंध में जल्द ही उच्चतम न्यायालय में मामला दाखिल किया जाएगा। सिंह ने आज विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी के सदस्य देवजी भाई पटेल के सवाल के जवाब के दौरान कहा कि आध्रप्रदेश के पश्चिम गोदावरी जिले में निर्माणाधीन पोलावरम परियोजना के निर्माण का छत्तीसगढ़ सरकार विरोध कर...
More »केंद्र और राज्य सरकार की लड़ाई में पिस रहा गरीब
भोपाल. केंद्र और राज्य सरकार लड़ाई में गरीब पिस रहे हैं। केंद्र के गोदाम अनाज से भरे पड़े हैं, लेकिन गरीबों के लिए अनाज नहीं है,जबकि सुप्रीमकोर्ट दो साल पहले की कह चुका है कि प्रत्येक बीपीएल परिवार को 35 किलो अनाज हरहाल में मुहैया कराया जाना है। लेकिन गरीबों को बमुश्किल 23 किलो अनाज ही मिल पा रहा है। वहीं राज्य सरकार की लेतलतीफी यह कि सुप्रीमकोर्ट के आदेश का...
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